उमा बोलीं-सनातन धर्म पर डिस्कशन राजनेताओं का विषय नहीं

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बीजेपी DMK नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को बीमारी बताने वाले बयान को लेकर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पार्टी लाइन से अलग रुख दिखाया है। उमा ने कहा, ‘मैं नेताओं से आग्रह करूंगी कि इसको राजनैतिक मंच से बिल्कुल डिस्कश नहीं किया जाए। यह राजनेताओं का विषय नहीं है। यह पूर्णत: संतों और धार्मिक विद्वानों का विषय है। वे ही आपस में तय करेंगे कि क्या करना है। रही बात तमिलनाडु के DMK नेताओं की तो वे तो हमेशा से तिलक काटते रहे, चोटियां काटते रहे। औरतों के गले में जूतों की माला पहनाते रहे। ऐसी बातों को सार्वजनिक मंच पर लाना उचित नहीं। मैं तो सभी पार्टियों से निवेदन करूंगी कि आप रोटी कपड़ा और मकान की बात करें।’

उमा ने यह बात मंगलवार को सीहोर में कही। वे गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां श्री चिंतामण गणेश मंदिर में पूजन करने पहुंची थीं। पूर्व मुख्यमंत्री से जब पूछा गया- ‘कमलनाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को झूठ बोलने की मशीन कह रहे हैं’ तो उमा ने जवाब दिया- शिवराज जी इसका जवाब देंगे। मैं शिवराज की प्रवक्ता थोड़ी हूं।

महिला आरक्षण बिल में संशोधन के लिए प्रधानमंत्री को भेजा पत्र

केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश करने पर उमा ने कहा, ‘1996 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा जी ने बिल प्रस्तुत किया था, तब भी हमने इसका स्वागत किया था। स्टैंडिंग कमेटी को जिस संशोधन के लिए यह बिल भेजा गया था, वह मैंने ही प्रस्तुत किया था। उसी संशोधन को लेकर मैंने आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी उस संशोधन के साथ ही बिल प्रस्तुत करेंगे।

उन्होंने कहा- मैं उस संशोधन की चर्चा अभी इसीलिए नहीं कर सकती हूं कि आज सुबह ही मैंने मोदी जी को पत्र लिखा है। हमारी अपनी पार्टी की सरकार है। अगर वह संशोधन आ ही जाता है तो मुझे अलग से इसकी चर्चा करने की जरूरत नहीं।

पुराने संसद भवन की हालत देखकर हम शर्मिंदा होते थे

उमा भारती ने बताया, ‘पुराने संसद भवन की हालत बहुत खराब है। आप कल्पना नहीं कर सकते हैं कि हम लोग उस वक्त कितना शर्मिंदा होते थे, जब बाहर के अतिथि आते थे और इसे गंधाते-बसाते देखते थे। प्रधानमंत्री जी ने बहुत कम समय में इसे पूरा कराया है, यह बहुत बड़ी बात है।’

कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा पर उन्होंने कहा- अब जन आक्रोश यात्रा की क्या जरूरत थी? जनता में आक्रोश होगा तो वोट में दिखाई देगा। ऐसा न हो कि यात्रा पर ही आक्रोश टूट पड़े।

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