मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में फिर ‘माई का लाल’ की एंट्री हो गई है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। 2018 के चुनाव में ‘माई का लाल’ का मुद्दा बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बना था।
पूर्व मुख्यमंत्री भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित गौ-रक्षा सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन’ अधिनियम में ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण ना मिलने पर अपनी ही पार्टी को घेरा। उन्होंने कहा कि ये बिल पारित भले हो गया हो, लेकिन ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए बिना यह लागू नहीं हो पाएगा।
आरक्षण पर ये कहा उमा भारती ने..
उमा भारती ने एक इंटरव्यू का वाकिया सुनाते हुए कहा – ‘या तो देश की व्यवस्था ही ऐसी हो जाए कि आरक्षण की स्थिति ना रहे। वो स्थिति तब आएगी जब एसटी, एससी खुद कहे कि हमें आरक्षण नहीं चाहिए। उससे पहले आरक्षण खत्म नहीं किया जा सकता। कोई माई का लाल आरक्षण की व्यवस्था को खत्म नहीं कर सकता। ये चलेगा। जब तक समाज में एक भी व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित रहेगा। तब तक आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता। ये चलेगा। क्योंकि आरक्षण का मतलब है विषमतायुक्त समाज में समान अवसर का सिद्धांत लागू नहीं होता, विषमतायुक्त समाज में विशेष अवसर का सिद्धांत लागू होता है। ये आरक्षण का मतलब है।