बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक पर्व विजयादशमी पर आज देशभर में रावण दहन किया जा रहा है। दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 स्थित रामलीला मैदान में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले दहन किए गए। यहां पीएम नरेंद्र मोदी चीफ गेस्ट के रूप में शामिल हुए। उन्होंने रावण दहन से पहले भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों की आरती की।
द्वारका में मोदी के भाषण की अहम बातें
ये अत्याचारी रावण पर भगवान राम की विजय का पर्व है। इसलिए हम हर साल रावण दहन करते है। ये पर्व हमारे लिए संकल्पों का पर्व है, उन्हें दोहराने का पर्व है। इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर चंद्रयान को गए दो महीने पूरे हो गए हैं।
हम गीता का ज्ञान भी जानते हैं और विज्ञान भी जानते हैं। हम शक्ति पूजा का संकल्प भी जानते हैं और नवरात्रि में मां को याद करने वाले मंत्र भी जानते हैं। विजयादशमी इन्हीं विचारों का प्रतीक है। आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम राम का मंदिर बनते देख पा रहे हैं।
अगली रामनवमी पर अयोध्या के रामलला के मंदिर में पूजा पूरे विश्व को हर्षित करने वाली है। भगवान राम की जन्मभूमि पर बन रहा भव्य मंदिर, दिव्य मंदिर सदियों की प्रतीक्षा के बाद भारतीयों को मिली विजय का प्रतीक है। राम मंदिर में भगवान राम के विराजने में कुछ ही महीने बचे हैं।
हमने कुछ हफ्ते पहले ही संसद की नई इमारत में प्रवेश किया है। नारी शक्ति को मान देने के लिए संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास किया। दुनिया भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में देख रही है। हमें भगवान राम के विचारों का भारत बनाना है।
हमें ध्यान रखना है कि आज रावण का दहन बस एक पुतले का दहन न हो, यह दहन हर उस विकृति का हो, जिसके कारण समाज का सौहार्द्र बिगड़ता है। उन शक्तियों का जो मां भारती को बांटने का काम करते हैं। उस विकास का जिसमें भारत का विकास नहीं, उनके विकास का हित छिपा है। राष्ट्र की हर बुराई पर राष्ट्रभक्ति का पर्व मनाना चाहिए।