‘मनीष डिप्टी CM और एजुकेशन मिनिस्टर थे। दिल्ली में एक टीचर का ट्रांसफर कराना था। 2 साल तक कहते रहे, लेकिन ट्रांसफर नहीं कराया। गांव वाले भी नाराज हैं। एक बार ग्रामदेवता का मंदिर बनाने के लिए उनसे चंदा मांगा था। चंदा देने की जगह सलाह देकर लौटा दिया कि शराब पीना छोड़ दो, मंदिर उसी पैसे से बन जाएगा।’
मनीष सिसोदिया के चचेरे भाई नरेंद्र भले ये बात गुस्से में कहते हैं, लेकिन अपने भाई की ईमानदारी की तारीफ भी करते हैं। कहते हैं, ‘ठीक है उनके सिद्धांत हैं, सिद्धांतवादी व्यक्ति ऐसा ही होता है।’
मनीष सिसोदिया लिकर पॉलिसी स्कैम मामले में करीब 8 महीने से जेल में हैं। उन्हें 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद इसी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 9 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। तभी से बेल की अर्जियां खारिज हो रही हैं। यहां तक कि पत्नी के बीमार होने का हवाला देने के बाद भी सिसोदिया को बेल नहीं मिली।
17 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।