मराठा आरक्षण की मांग, 10 दिन में 12 सुसाइड:महाराष्ट्र सरकार की कमेटी 24 दिसंबर को रिपोर्ट देगी; मराठा नेता बोले- आरक्षण के विरोध में सरकार

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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार 28 अक्टूबर को एक पंचायत सदस्य ने खुदकुशी कर ली। मरने वाले का नाम महेश कदम था। वह अहमदनगर की ढालेगांव तहसील का रहने वाला था। महेश ने सुसाइड नोट में लिखा कि लगातार सूखे के चलते स्थिति खराब होती जा रही है। मुझे मराठा रिजर्वेशन नहीं मिला, जिसके चलते बच्चों की फीस भरना मुश्किल हो गया है।

इससे पहले शुक्रवार 27 अक्टूबर को 2 और लोगों ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने बताया कि बीड़ जिले के शत्रुघ्न काशिद और उस्मानाबाद जिले के बलिराम देवीदास साबले ने आत्महत्या की। राज्य में 10 दिनों में अब तक 12 लोग अपनी जान दे चुके हैं।

मराठा आरक्षण के नेता मनोज जारांगे ने 27 अक्टूबर को बताया कि राज्य सरकार आरक्षण के विरोध में हैं। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग लंबे समय से की जा रही है। शिंदे सरकार ने 7 सितंबर को मराठा आरक्षण पर एक कमेटी बनाई, जिसे रिटायर्ड जज संदीप शिंदे लीड कर रहे हैं। कमेटी को रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन बढ़ाकर 24 दिसंबर कर दी गई है।

सुसाइड से पहले मराठा आरक्षण के समर्थन में नारे लगाए

फोटो खुदकुशी करने वाले शत्रुघ्न काशिद की। मराठा नेता मनोज जारांगे और पुलिस ने इसे मनाने की कोशिश की, लेकिन इसके बाद भी काशिद ने टंकी से कूदकर जान दे दी।

बीड़ जिले के अंबाजोगई तहसील के रहने वाले 27 साल के शत्रुघ्न काशिद शुक्रवार को रात करीब साढ़े 11 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गए। उन्होंने दो घंटे तक मनोज जारांगे और आरक्षण के समर्थन में नारे लगाए। वो सुसाइड करने जा रहा था। लोगों की सूचना पर जारांगे ने काशिद से बातचीत भी की। पुलिस ने भी उसे मनाने की कोशिश की।

कुछ देर बाद काशिद ने पानी की टंकी से कूदकर अपनी जान दे दी। इसके बाद सुबह लोगों ने काशिद का शव शिवाजी की प्रतिमा के पास रखकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। 5 मराठा गांवों और बारामती मराठा क्रांति मोर्चा ने भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि नेता यहां न आएं।

आरक्षण नहीं मिलने से बेहतर है कि हम आत्महत्या कर लें

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