इंदौर संभाग के गांवों में सरपंच किंगमेकर:कांग्रेस-भाजपा का स्कोर अभी 18:12 का, 7 सीटों पर कड़ा मुकाबला ==========इंदौर संभाग की सभी 37 विधानसभा सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में सीधा मुकाबला है शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर हर सीट का राजनीतिक गणित समझा। 37 में से कांग्रेस को 18 और भाजपा को 12 सीटों पर चैलेंज कम ही है। 7 सीटों पर मुकाबला फंसा हुआ है। इनमें इंदौर की 1, धार की 3, खंडवा, बुरहानपुर और झाबुआ जिले की 1-1 सीटें हैं। वर्तमान में 16 सीटें भाजपा, 19 कांग्रेस और 1 निर्दलीय के पास हैं। संभाग में 19 सीटें आदिवासी हैं।
जहां बगावत है, वहां अभी तक त्रिकोणीय मुकाबले जैसी स्थिति नहीं है। सिर्फ वोट कटेंगे। शहरों में चर्चा- कैलाश विजयवर्गीय की उम्मीदवारी वाली इंदौर-1 और कैंडिडेट एक्सचेंज वाली बदनावर की है। नजरें दंगा प्रभावित खरगोन पर है, जहां सभी सीटें बीजेपी हार गई थी। गांवों में 25 साल बाद सरपंच और ग्रामीण नेता निर्णायक होने वाले हैं। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव में दिग्विजय सिंह शासनकाल वाला परफॉर्मेंस दोहरा कर चौंका दिया।सनातन को खत्म कर दे, ऐसा माई का लाल पैदा नहीं हुआ..’, ‘2047 के बाद दुनिया में सनातन का झंडा लहराएगा..’, ‘चुनाव में सिर्फ विकास और सनातन मुद्दा रखो, ऐसे ही पोस्टर भी छापो’ सनातन को खत्म कर दे, ऐसा माई का लाल पैदा नहीं हुआ..’, ‘2047 के बाद दुनिया में सनातन का झंडा लहराएगा..’, ‘चुनाव में सिर्फ विकास और सनातन मुद्दा रखो, ऐसे ही पोस्टर भी छापो’
इंदौर-1 से भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और उनके बेटे आकाश के इन बयानों ने BJP की चुनावी लाइन साफ कर दी है। यही हालात खरगोन में भी हैं, जहां दुकानों पर लिख दिया गया है कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं। खंडवा में भी यही हालात हैं। शहरी इलाकों में भाजपा विकास के पैरेलल इस बार सनातन को एजेंडा रखकर आगे बढ़ रही है। कांग्रेस इसका तोड़ जातिगत समीकरण और धर्म-कर्म से जुड़े प्रत्याशी उतारकर दे रही है। इंदौर-1 के संजय शुक्ला हो, सत्यनारायण पटेल या खरगोन के रवि जोशी, सभी धर्म के साथ सीधे जातिगत समीकरण के आधार पर तय किए गए हैं।
इंदौर-1 से भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और उनके बेटे आकाश के इन बयानों ने BJP की चुनावी लाइन साफ कर दी है। यही हालात खरगोन में भी हैं, जहां दुकानों पर लिख दिया गया है कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं। खंडवा में भी यही हालात हैं। शहरी इलाकों में भाजपा विकास के पैरेलल इस बार सनातन को एजेंडा रखकर आगे बढ़ रही है। कांग्रेस इसका तोड़ जातिगत समीकरण और धर्म-कर्म से जुड़े प्रत्याशी उतारकर दे रही है। इंदौर-1 के संजय शुक्ला हो, सत्यनारायण पटेल या खरगोन के रवि जोशी, सभी धर्म के साथ सीधे जातिगत समीकरण के आधार पर तय किए गए हैं।