प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 17 नवंबर को डीपफेक टेक्नोलॉजी को खतरा बताया। उन्होंने कहा कि एक वीडियो में मुझे गरबा गाते दिखाया गया है, ऐसे कई वीडियो ऑनलाइन पड़े हुए हैं।
मोदी ने ये भी कहा कि ये समझना बहुत जरूरी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कैसे काम करता है। क्योंकि उनका उपयोग जानबूझकर गलत जानकारी फैलाने या दुर्भावनापूर्ण इरादे के लिए किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने ये बातें भाजपा मुख्यालय में दिवाली मिलन कार्यक्रम के दौरान कही।
प्रधानमंत्री ने मीडिया से अपील की कि वह लोगों को AI के निगेटिव इफेक्ट्स बताए, ताकि गलत और नुकसान पहुंचाने वाला कंटेंट फैलने से रुके।
क्या है डीपफेक
आज के डिजिटल दौर में कई बार गलत खबरें और भ्रामक जानकारियां इंटरनेट की मदद से लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे ही वीडियो भी पहुंचाए जाते हैं। इसे डीपफेक कहते हैं। इसमें असली और नकली की पहचान बेहद मुश्किल होती है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक (AI) और मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।
इनका उपयोग करके मीडिया फाइल जैसे फोटो, ऑडियो और वीडियो की परिवर्तित कॉपी तैयार की जाती है, जो वास्तविक फाइल की तरह ही दिखती है। सरल भाषा में कहें तो डीपफेक, मॉर्फ वीडियो का ही एडवांस रूप है।