स्ट्रांग रूम में लॉक हुआ 108 उम्मीदवारों का भाग्य

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विधानसभा चुनाव के लिए मददान के बाद शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार सुबह तक मतदान दल कोनी स्थित स्ट्रांग रूम में मतपेटियों को जमा करते रहे। ईवीएम मशीनें जमा होने के बाद कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी की मौजूदगी में शनिवार दोपहर स्ट्रांग रूम को सील कर दिया गया है। अब उम्मीदवारों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम को तीन दिसंबर की सुबह मतगणना के लिए खोला जाएगा। इस प्रक्रिया के साथ ही जिले के 108 उम्मीदवारों का भाग्य स्ट्रांग रूम में सील कर दिया गया है।

कलेक्टर अवनीश शरण की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम को किया गया सील।

शुक्रवार को शाम पांच बजे मतदान खत्म होने के बाद मतदान दल ईवीएम को सीलबंद कर कोनी स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कालेज पहुंचे। यहां रात आठ बजे से पोलिंग पार्टियों का यहां वापस लौटना शुरू हो गया था। जहां जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर अवनीश शरण अन्य आला अधिकारियों के साथ उपस्थित रहकर मतदान दलों की वापसी कराते रहे। यह सिलसिला सुबह तक चलता रहा। बीएसफ के सशस्त्र जवानों की मौजूदगी में बूथवार ईवीएम जमा कराई गई। पावती पत्र जमा होने के बाद ही पीठासीन अधिकारियों को रिलीव किया जा रहा था। एक-एक कर सभी पोलिग पाíटयों से ईवीएम जमा कराने का सिलसिला सुबह तक चलता रहा।

स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए तैनात है सशस्त्र जवान।

6 हजार से अधिक कर्मियों की लगी थी ड्यूटी
मतदान के लिए कुल 6 हजार 36 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ऐसे में एक-एक करके उनके लौटने का सिलसिला रात आठ बजे से शुरू हो गया था। देर रात स्ट्रांग रूम में मेले सा नजारा दिख रहा था। यहां कर्मियों को मतदान सामान वापस करने में कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ा। भीड़ होने की वजह से बारी-बारी से ईवीएम व अन्य मतदान सामग्री जमा कराने का कार्य किया जा रहा था, ऐसे में कर्मियों को समझ आ गया है, यह काम पूरा होने में पूरी रात लग सकती है। सभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे। शनिवार सुबह तक मतपेटी जमा करने का सिलसिला चलता रहा।

देर रात मतदान सामग्री लेकर स्ट्रांग रूम पहुंचे मतदान अधिकारी।

पीठासीन अफसर व कर्मियों ने ली राहत
ईवीएम जमा करने के काम में काफी समय लगा। दिन भर चुनाव ड्यूटी के बाद चुनाव सामग्री जमा करने के लिए उन्हें चिंता सता रही थी। जैसे- जैसे मतदान अधिकारी व कर्मचारी मतपेटी जमा करते रहे, वैसे ही उनके चेहरे पर राहत दिख रही थी। यहां रुकने और ईवीएम जमा करने तक के समय के लिए कर्मचारियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण मतपेटी जमा करते ही घर जाने के लिए अधिकारी और कर्मचारी भटकते रहे।

मतपेटी लेकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे मतदान अधिकारी।

सीसीटीवी कैमरे से अधिकारी करेंगे निगरानी
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की एक कंपनी को सौपी गई है। कंपनी के 100 जवान 24 घंटे स्ट्रांग रूम के पास तैनात रहेंगे। इसके साथ ही स्ट्रांग रूम के बाहर कोने-कोने की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है। इससे कंट्रोल रूम में बैठे जवान हर कोने पर नजर रख पाएंगे। अधिकारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इवीएम को सील किया गया। अधिकारियों ने बताया कि अब स्ट्रांग रूम को मतगणना के दिन यानी तीन दिसंबर को ही खोला जाएगा। इस बीच ईवीएम की सुरक्षा के लिए जवानों का पहरा लगाया गया है। एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्ट्रांग रूम के दरवाजे के साथ ही परिसर के हर कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे पूरे परिसर की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी। बीएसएफ के साथ ही अधिकारी भी समय-समय पर स्ट्रांग रूम की सुरक्षा का निरीक्षण करेंगे। इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौपी गई है।

मतपेटी बंद होने के बाद जवान लगातार निगरानी कर रहे हैं।

राजनीतिक दल के प्रतिनिधि भी निगरानी के लिए रहेंगे मौजूद
मतदान के बाद जिले के सभी पोलिंग बूथों के ईवीएम को फिलहाल स्ट्रांग रूम में जमा कराया गया है। स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी के लिए पूरी सुरक्षा की गई है। वहीं पारदर्शिता के लिए राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को भी यहां रहने अनुमति दी गई है। सुरक्षाकर्मियों के साथ राजनीतिक दल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए राजनीतिक दल और प्रत्याशियों के प्रतिनिधि को पहले आवेदन देना होगा।

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