...

मस्क के सबसे ताकतवर रॉकेट का दूसरा टेस्ट भी फेल

0

दुनिया के सबसे ताकतवर स्टारशिप व्हीकल का दूसरा टेस्ट भी फेल हो गया। इसे भारतीय समय अनुसार शाम करीब 6:30 बजे लॉन्च किया गया था। यह मिशन 1:30 घंटे का था। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है।

लॉन्चिंग के करीब 2.5 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड करना था, लेकिन वो बीच में ही फट गया। वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया। कुछ देर बाद स्टारशिप में खराबी आ गई, जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा।

स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है

प्लान के अनुसार इस तरह होनी थी टेस्टिंग…

  • 00:00:02- लिफ्टऑफ
  • 00:00:52- मैक्स क्यू (रॉकेट पर पीक मैकेनिकल स्ट्रेस)
  • 00:02:39- बूस्टर MECO (अधिकांश इंजन बंद)
  • 00:02:41- हॉट-स्टेगिंग (स्टारशिप रैप्टर इग्निशन और स्टेज सेपरेशन)
  • 00:02:53- बूस्टर बूस्टबैक बर्न स्टार्टअप
  • 00:03:47- बूस्टर बूस्टबैक बर्न शटडाउन
  • 00:06:18- बूस्टर ट्रांसोनिक (साउंड की स्पीड- 1185 Km/hr)
  • 00:06:30- बूस्टर लैंडिंग बर्न स्टार्टअप
  • 00:06:48- बूस्टर लैंडिंग बर्न शटडाउन
  • 00:08:33- स्टारशिप इंजन कटऑफ
  • 01:17:21- स्टारशिप एंट्री
  • 01:28:43- स्टारशिप ट्रांसोनिक
  • 01:30:00- एक रोमांचक लैंडिंग!

    20 अप्रैल को भी लॉन्चिंग के कुछ देर बाद स्टारशिप में हो गया था विस्फोट
    इससे पहले 20 अप्रैल को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था। इस टेस्ट में बूस्टर 7 और शिप 24 को लॉन्च किया गया था। हालांकि, उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही मेक्सिको की खाड़ी के पास 30 किलोमीटर ऊपर स्टारशिप में विस्फोट हो गया था। स्टारशिप के फेल होने के बाद भी स्पेसएक्स हेडक्वार्टर में एलन मस्क और एम्प्लॉइज खुशी मना रहे थे।

    ऐसा इसलिए क्योंकि रॉकेट का लॉन्च पैड से उड़ना ही बड़ी सफलता थी। स्टेनलेस स्टील से बने स्टारशिप को दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बनाया है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा और ताकतवर रॉकेट है। एलन मस्क ने भी स्टारशिप की लॉन्चिंग से दो दिन पहले कहा था- सफलता शायद मिले, लेकिन एक्साइटमेंट की गारंटी है।

    स्टारशिप ने 20 अप्रैल को पहली टेस्ट उड़ान भरी थी। इसके 4 मिनट बाद मेक्सिको की खाड़ी के करीब 30 किलोमीटर ऊपर इसमें विस्फोट हो गया था।

    स्टेज सेपरेशन में आई थी परेशानी
    स्पेसएक्स ने कहा था- सेपरेशन स्टेज से पहले ही इसका एक हिस्सा अचानक अलग हो गया, जबकि यह तय नहीं था। इस तरह के एक टेस्ट के साथ हम जो सीखते हैं, उससे सफलता मिलती है। आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा। टीमें डेटा को रिव्यू करना जारी रखेंगीं और अगले फ्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करेंगीं।

    लिफ्टऑफ के 4 मिनट बाद रॉकेट को नष्ट किया

    • सुपर हैवी बूस्टर पर लगे 33 इंजन स्टार्ट (इग्नाइट) हुए और स्टारशिप धीरे-धीरे ऊपर बढ़ा।
    • करीब एक मिनट बाद रॉकेट मैक्सिमम एयरोडायनमिक प्रेशर के पीरियड से गुजरा।
    • सुपर हैवी बूस्टर स्टेज पर कई इंजन फेल होने के कारण रॉकेट अनबैलेंस होने लगा।
    • अपर स्टेज स्टारशिप व्हीकल को बूस्टर से अलग होना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
    • लिफ्टऑफ के 4 मिनट बाद, फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम ने रॉकेट को नष्ट कर दिया।

    व्हीकल और ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड किया था
    पहली फ्लाइट से सीखकर स्पेसएक्स ने दूसरी फ्लाइट के लिए व्हीकल और ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया था। इस बार कंपनी हॉट-स्टेज सेपरेशन सिस्टम और एक नया इलेक्ट्रॉनिक थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल (TVC) सिस्टम इस्तेमाल किया। इसके अलावा पैड फाउंडेशन और वाटर-कूल्ड स्टील फ्लेम डिफ्लेक्टर को मजबूत करने के अलावा कई अन्य अपग्रेड भी किए गए थे।

    दुनिया का सबसे पावरफुल व्हीकल
    स्टारशिप दुनिया का अब तक का सबसे पावरफुल लॉन्च व्हीकल है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जाएगा।

    स्टारशिप सिस्टम

    • हाइट: 397 फीट
    • डायामीटर: 9 मीटर
    • पेलोड कैपेसिटी: 100-150 मीट्रिक टन

      स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा
      ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है, क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा। यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कदम रखेगा। मस्क 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं। स्पेसशिप इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा।

      मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की क्या जरूरत?
      मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की जरूरत पर एलन मस्क कहते हैं- ‘पृथ्वी पर एक लाइफ एंडिंग इवेंट मानवता के अंत का कारण बन सकता है, लेकिन अगर हम मंगल ग्रह पर अपना बेस बना लेंगे तो मानवता वहां जीवित रह सकती है।’ करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर का भी अंत एक लाइफ एंडिंग इवेंट के कारण ही हुआ था। वहीं, प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने भी 2017 में कहा था कि अगर इंसानों को सर्वाइव करना है तो उन्हें 100 साल के भीतर विस्तार करना होगा।मस्क का जापानी अरबपति से मून ट्रिप का वादा
      स्टारशिप का सबसे बड़ा टारगेट इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाना है। इसके अलावा इंसानों को चंद्रमा पर पहुंचाने के नासा के मिशन में भी स्टारशिप लैंडर का काम करेगा। मस्क का प्लान स्टारशिप का इस्तेमाल स्पेस टूरिज्म के लिए करना भी है। मस्क ने एक जापानी अरबपति युसाकु मेजवा से चंद्रमा के चारों ओर घुमाने का वादा किया है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.