नानी बोली-मेरे सामने बोरवेल में गिरी माही:राजगढ़ में रातभर गड्‌ढे के पास बैठे रहे परिजन; डॉक्टर ने कहा-गले में सूजन से थमी सांस

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राजगढ़ के बोरवेल में जिंदगी की जंग हारी माही की नानी उसे याद करके फूट-फूटकर रोने लगती हैं। वे बताती हैं, ‘संतरे नहीं देने की बात कहकर माही दौड़ी और मेरे सामने ही बोरवेल में गिर गई। मैं कुछ नहीं कर पाई।’

4 साल की माही मां हेमा के साथ अपने नाना इंदर सिंह के गांव पिपल्या रसोड़ा आई थी। मंगलवार शाम खेत में खेलते समय वह 300 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई। माही 22 फीट गहराई में फंसी थी। उसे 8 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकाला जा सका। बेहोशी की हालत में भोपाल के हमीदिया अस्पताल लाया गया। बुधवार अलसुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इससे पहले पिता रवि भिलाला, मां हेमा, नाना इंदर सिंह और नानी रुक्माबाई रात भर बोरवेल के पास बैठकर माही के सकुशल बाहर आने के लिए प्रार्थना करते रहे। पिता कभी बोरवेल के पास बैठकर माही से बात करने की कोशिश करते, कभी अफसरों से पूछते- कितना समय लगेगा।

राजगढ़ CMHO किरण वाडिया ने बताया- बच्ची की मौत गले में सूजन, सांस लेने में दिक्कत और शुगर लेवल कम होने से हुई होगी। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण कंफर्म हो पाएगा।

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