राज्यसभा में पेरियार का बयान दोहराने से धनखड़ नाराज:DMK सांसद बोले- हर समुदाय को पहचान तय करने का अधिकार, यह कश्मीर पर भी लागू ——— संसद के शीतकालीन सत्र का आज 11 दिसंबर को छठा दिन है। कश्मीर मुद्दे को लेकर राज्यसभा में भाजपा और विपक्ष के सांसदों में तीखी नोकझोंक हुई। वहीं DMK के एक सांसद ने द्रविड़ आंदोलन के जनक ईवी रामास्वामी पेरियार के विवादित बयान को कोट करते हुए कहा कि हर समुदाय को अपनी पहचान तय करने का अधिकार है। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए और उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सदन में देशविरोधी बयानों की इजाजत नहीं दी जा सकती।
दरअसल, सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिल पेश किए थे। ये बिल हैं- जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023। इन पर चर्चा के दौरान DMK सांसद एम अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कमेंट किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें रोका।
सांसद को रोके जाने पर कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने गलत बताया। इसके बाद कुछ देर हंगामा हुआ। फिर सभापति ने एम अब्दुल्ला से अपनी बात पूरी करने को कहा। अब्दुल्ला ने अपनी स्पीच में पेरियार के बयान का जिक्र किया। पेरियार ने दक्षिण भारत में द्रविड़ समुदाय के लिए अलग देश द्रविड़नाडु की वकालत करते हुए कहा था- हर समुदाय को अपनी पहचान तय करने का अधिकार है। यह बात कश्मीर के लोगों के लिए भी लागू होती है।
अब्दुल्ला के बयान को सभापति धनखड़ ने ठीक नहीं माना। इस बयान को सदन के रिकॉर्ड से भी हटा दिया गया। धनखड़ ने कहा- सांसद इस बयान से ऑक्सीजन ले रहे थे। इसके बाद सांसद तिरुचि शिवा ने DMK सांसद एम अबदुल्ला के समर्थन में कहा कि पेरियार को कोट करने में क्या गलत है।