29 नवंबर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की पहली बार शपथ लेने वाले शिवराज सिंह चौहान 6589 दिन सीएम रहे। बुधवार को जब वे नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे तो पंडाल से शिवराज के समर्थन में नारे लगे।
इससे पहले सुबह उन्होंने पौधरोपण किया। इस दौरान मीडिया से चर्चा में कहा- नए मुख्यमंत्री जी को बधाई। प्रधानमंत्री जी, गृह मंत्री जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का स्वागत। आज प्रदेश के विकास, समृद्धि और कल्याण का पौधा लगाया है। मित्रों, अब विदा…..जस की तस धर दीनी चदरिया।
शपथ ग्रहण समारोह खत्म होने पर जब शिवराज वापस जाने लगे तो भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। सुरक्षाकर्मी कुछ देर के लिए असहज हो गए। मामा-मामा के नारे लगे तो शिवराज ने हाथ जोड़कर अभिवादन करना शुरू कर दिया। उन्होंने ड्राइवर को कार की साइड विंडो खोलने के लिए कहा। वे कुछ वक्त तक कार में बैठे-बैठे ही लोगों से हाथ मिलाते रहे। इस बीच एक महिला आई और रोते हुए कहा, ‘भैया आप चिंता मत करो, आप प्रधानमंत्री बनोगे।’
भीड़ के कारण कार आगे नहीं बढ़ पा रही थी। ऐसे में शिवराज को नीचे उतरना पड़ा। गाड़ी से बाहर आते ही लोग फिर मामा-मामा के नारे लगाने लगे। भीड़ के बीच से कुछ महिलाएं शिवराज के पास आईं और उनसे लिपटकर रोने लगीं। शिवराज ने उनके सिर पर हाथ रखा। महिलाओं ने कहा- भैया आपसे अच्छा कोई नहीं। इसके बाद शिवराज भीड़ से निकलने की कोशिश करने लगे। यह सब करीब 25 मिनट तक चलता रहा।