श्याेपुर 12.12.2023
जनसुनवाई में 98 आवेदकों की सुनी फरियाद
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
लोगों की समस्या के निराकरण के लिए हर मंगलवार को जनसुनवाई लगाई जाती है। इस बार मंगलवार को प्रभारी कलेक्टर अतेंद्र सिंह गुर्जर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनसुनवाइ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जनसुनवाइ के दौरान कुल 98 आवेदन प्राप्त हुए। इस अवसर पर एसडीएम मनोज गढ़वाल, डिप्टी कलेक्टर संजय जैन, तहसीलदार प्रेमलतापाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जनसुनवाई में कलारना निवासी दिव्यांग किशोरी ओमवती पुत्री काडू आदिवासी को सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से ट्राइसिकल प्रदान की गई। जनसुनवाई में पहुंची ओमवती द्वारा ट्राइसिकल की मांग की गई थी, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्राइसिकल प्रदान की गई। ओमवती को दिव्यांग पेंशन का लाभ पूर्व से ही मिल रहा है, जिसके तहत उसे 600 रुपये मासिक राशि प्राप्त हो रही है। इसके अलावा जनसुनवाई में पहुंची बंधाली निवासी मीरा वेबा स्व. पप्पू आदिवासी को पोर्टल पर चैक करने के बाद अवगत कराया गया कि योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन आनलाइन कर दिया गया है तथा ईपीओ भी जारी हो चुका है, शीघ्र ही 2 लाख रुपये की राशि बैंक खाते के माध्यम से दी जाएगी। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन का आवेदन भी अपलोड कर दिया गया है। माया बाई पत्नि स्व. हनुमान रजक निवासी गांधी नगर श्योपुर के आवेदन पर सीएमओ सतीश मटसेनिया को कल्याणी पेंशन का लाभ दिए जाने के निर्देश दिए।
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शिविर लगाकर बनाए जाए जाति प्रमाण पत्र
विजयपुर के बलावनी गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने की समस्या लेकर पहुंचे। उनकी इस समस्या सुनने के बाद प्रभारी कलेक्टर अतेंद्र सिंह सीइओ ने पंचायत सचिव को मोबाइल पर निर्देश दिए कि ग्राम स्तर पर शिविर का आयोजित कर सहरिया समुदाय के लोगों की जाति प्रमाण पत्र बनाए जाए, जिससे उन्हें खाद्यान के लिए पात्रता पर्ची जारी की जा सकें। ग्राम बलावनी से आए आदिवासी वर्ग के कुछ ग्रामीणों ने खाद्यान की पात्रता पर्ची जारी करने के लिए आवेदन दिया।
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पेशी लगाकर किया जाएगा जमीन संबंधी शिकायत का निराकरण
तिल्लीढेरा निवासी गजरी बाई के आवेदन पर दूसरे पक्ष को पेशी लगाकर बुलाने के निर्देश दिए प्रभारी कलेक्टर अंतेंद्र सिंह ने दिए। गजरी बाई ने आवेदन प्रस्तुत किया कि ग्राम बगदीया में सर्वे क्र. 477 में उसकी स्वामित्व की 1.463 हेक्टयर भूमि स्थित है, जिसका 2015 में भी सीमांकन कराया गया था, लेकिन कुछ लोग उसे खेती नही करने दे रहे है तथा जमीन पर कब्जा नही छोड़ा है।