दिल्ली……….चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जजों में मतभेद—————330 करोड़ के स्किल डेवलपमेंट घोटाले में आरोपी बनाए गए आंध्रप्रदेश के पूर्व CM चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद हो गया। फैसला सुनाते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि सेक्शन 17ए पर हमारे अलग-अलग मत हैं, इसलिए उचित निर्देश के लिए केस को सीजेआई के पास भेजते हैं।
चंद्रबाबू ने अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने याचिका लगाई थी। इस केस के सिलसिले में नायडू 53 दिन जेल में रहे थे। फिलहाल उन्हें आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है।
फैसला सुनाते हुए जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17A की मंजूरी का अभाव FIR रद्द करने का आधार नहीं हो सकता, खासकर जब IPC के तहत अपराध भी दर्ज किए गए हों।
वहीं जस्टिस बोस ने कहा कि टीडीपी प्रमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच करने के लिए पहले परमिशन लेने की जरूरत थी।