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शासकीय शिक्षकों का 01 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

श्याेपुर 18.01.2024
शासकीय शिक्षकों का 01 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्योपुर राकेश कुमार गुप्त की अध्यक्षता में किशोर न्याय अधिनियम, लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम के प्रावधानों, नालसा की योजनाओं एवं बच्चों से संबंधित कानूनी विषय के बारे में प्रशिक्षित किये जाने हेतु शिक्षकों का 01 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला न्यायालय परिसर में स्थित एडीआर भवन, श्योपुर में किया गया।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभांरभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्त के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर मनोज कुमार मंडलोई, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, श्योपुर, लीलाधर सौलंकी, विशेष न्यायाधीश, श्योपुर, पवन कुमार बांदिल, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्योपुर, संतोष बघेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्योपुर, सपना शिवहरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्योपुर, डालचंद, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्योपुर, सोहन लाल भगौरा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्योपुर, मिताली पाठक, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्योपुर, शिखा शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्योपुर, रविन्द्र सिंह तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी, श्योपुर व शिक्षकगण उपस्थित रहें।
कार्यक्रम के प्रांरभ में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्त द्वारा उद्बोधन दिया गया कि हम आशा करते है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से आप बच्चों के सर्वोत्तम विकास में अहम भूमिका निभाएंगे व समाज में कानूनी जागरूकता के माध्यम से लोगों को लाभांवित करेंगे।
इसी क्रम में पवन कुमार बांदिल, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्योपुर द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा व उद्देश्य के बारे में बताया गया। साथ ही उपस्थित शिक्षकों को भारत के संविधान में वर्णित मौलिक अधिकर एवं कर्त्तव्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, नालसा-सालसा की योजनाओं के बारे में बताते हुये उन्हें एडीआर सेंटर की संकल्पना के बारे में भी अवगत कराया गया। साथ ही प्रोजेक्टर के माध्यम से नालसा थीम की वीडियों दिखाई गई। सपना शिवहरे, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्योपुर द्वारा किशोर न्याय अधिनिय की उपयोगिता एवं प्रावधानों के बारे में बताते हुये शिक्षकों को इस बात से अवगत कराया कि किशोर न्याय अधिनियम बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम उन बच्चों से संबंधित कानून को मजबूत और संशोधित करने के लिये एक अधिनियम है जिन पर कानून का उल्लघंन करने का आरोप लगाया गया है और जिन बच्चों को उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करके देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता होती है शिखा शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्योपुर द्वारा बच्चों के सर्वोत्तम विकास के प्रमुख सिद्धांत के बारे में बताया कि जब भी कोई कार्य करे उसमें बच्चों का सर्वोत्तम हित होना चाहिए, बच्चें की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, बच्चों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, उनको सुनना चाहिए, उनके साथ स्नेह व्यवहार रखना चाहिए ताकि बच्चा अपनी कोई भी बात बिना किसी समस्या के बता सकें। इसी के साथ ही शिक्षकों को नालसा की स्कीम- बच्चौं को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवा योजना एवं उनके संरक्षण के लिये विधिक सेवाये के बारे में भी विस्तार से बताया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत खुला संवाद रखा गया जिसमें शिक्षकों द्वारा पूछे गये सवालों का संतोषप्रद जबाव दिया गया। कार्यक्रम उपरांत उपस्थित समस्त शिक्षकों को सहभागिता प्रमाण-पत्र प्रदाय किए गए।

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