Name नबी अहमद कुरेशी location श्योपुर
शहर के फक्कड़ चौराह पर किन्नर गुरु कोमल के आश्रम पर साध्वी दीदी दुर्गेश नंदनी द्वारा कराया जा रहा है कथा का रसपान,भागवत कथा के दौरान गरीब कन्या का किन्नर ने कराया विवाह
श्योपुर शहर के फक्कड़ चौराह पर किन्नर गुरु कोमल के आश्रम पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा शहर की पहली ऐसी भागवत कथा हुई जहां भगवान राम-सीता के विवाह के प्रसंग के समय हकीकत की कन्या का विवाह नागदा निवासी वर के साथ हुआ। आश्रम में कलश यात्रा के साथ 22 जनवरी से कथा प्रारंभ हुई थी। कथा में कथा वाचक साध्वी दीदी दुर्गेश नंदनी द्वारा भागवत कथा में भगवान श्रीराम और सीता का प्रसंग सुनाया। कथा में गरीब माली समाज की बेटी कृष्णा सुमन का विवाह नागदा निवासी पुष्पराज सुमन के साथ संपन्न हुआ। इसका कन्यादान किन्नर गुरु कोमल ने किया। कथा मंच पर बालिका का विवाह होने से यह भागवत कथा शहर की पहली ऐसे भागवत कथा बन गई है, जिनमें राम-जानकी विवाह के समय गरीब घर की बेटी को माता सीता का स्वरूप मानते हुए उसका कन्यादान भी किया गया।
दरअसल बात ऐसी है कि किन्नर गुरु कोमल एक भैंस लेने की योजना बनाकर शहर के मलपुरा किले के पास पप्पू सुमन के घर पहुंची, जहां उन्होंने पप्पू की भैंस को देखा, लेकिन उन्हें पप्पू की भैंस पसंद नहीं आई तो वापस घर लौटने लगीं, तभी पप्पू सुमन की बेटी कृष्णा सुमन भावुक होकर बोली कि दीदी भैंस तो नहीं ली, कम से कम लड्डू-बाटी तो खाती जाओ। तब कोमल ने बच्ची से उसका नाम पूछा, बालिका ने अपना नाम बताया तो कोमल ने बालिका के पिता से बोला-मैं इस बच्ची का कन्या दान करना चाहती हूं, कहीं घर देखा है क्या। पप्पू ने बताया कि नागदा के राम किशोर सुमन के बेटे पुष्पराज सुमन के घर बालिका के संबंध की बात चल रही है। इस पर कोमल ने कहा कि वे बेटी का कन्या दान भागवत कथा में राम-सीता विवाह के समय करेंगी। वे अभी तक 23 बेटियों का कन्यादान कर चुकी है।
वाइट: किन्नर गुरु कोमल
वाइट: कथावाचक साध्वी दीदी दुर्गेश नंदिनी