श्याेपुर 18.02.2024
मालियों के मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा पुर्णाहुति
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
शहर के पुल दरवाजा के पास स्थित मालियों के मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा रविवार को हवन पुर्णाहुति के साथ समापन हो गया। समापन अवसर पर विशाल भण्डार का आयोजन किया गया। भण्डारे में हजारों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर प्रसादी ग्रहण की।
श्रीमद् भागवत कथा के समापन अवसर पर कथा वाचक आचार्य राहुल पाराशर (दांतरदा वाले) ने प्रतिदिन भक्तों के अलग-अलग प्रसंग सुनाए। अंतिम दिन कथा वाचक ने व्रत उपासना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोई ईश्वर किसी से भूखे पेट रहकर भक्ति करने को नहीं कहते हैं। मन पर नियंत्रण और नाम जाप ही इस जगत में पार लगाने के लिए काफी है। दुष्ट व्यक्ति दूसरे के दुःख से कभी परेशान नहीं होता बल्कि दूसरे के सुख से परेशान होता है। पुरूषार्थ से ही श्रेष्ठ भाग्य का निर्माण होना संभव है लेकिन इसके लिए नि:स्वार्थ भाव से कार्य करते रहना चाहिए। वर्तमान में किए जाने वाला पुरूषार्थ ही हमारे अगले जीवन के अच्छे भाग्य का निर्माण करते हैं। पिछले सात दिनों से गांव में भक्तीमय माहौल बना हुआ था। शनिवार को कंस वध, कृष्ण-रूकमणी विवाह के साथ कथा का समापन किया गया। श्रीमद् भागवत कथा समपन्न होने पर रविवार की सुबह यज्ञ व भण्डारे का आयोजन किया गया। जिसमें यजमानों ने जोड़े सहित हवन पर बैठकर यज्ञ में आहुतियां दी। शंख घंट व मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा अर्चना की गई। हवन पूर्णाहुति के बाद विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया। भगवान व श्रीमद् भागवत को भोग लगाने के बाद भण्डारा शुरू किया गया, जो देर शाम तक चला।