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हरियाणा में इनेलो नेता के हत्यारों का CCTV सामने आया

हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी के हत्या से पहले का एक CCTV फुटेज सामने आया है। इसमें बदमाश सफेद रंग की कार HR-51BV 1480 में दिख रहे हैं। ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठा हमलावर फोन पर बात करता हुआ दिखाई दे रहा है।

राठी की रविवार, 25 फरवरी की शाम को हत्या कर दी गई थी। राठी बहादुरगढ़ के पास बराही रेलवे फाटक बंद होने की वजह से रुके थे।

उसी दौरान I-10 कार में आए हमलावर राठी की फॉर्च्यूनर के पास पहुंचे। इसके बाद उन्होंने राठी पर 40 से 50 राउंड गोलियां चलाईं। इसके बाद वे सोनीपत की तरफ फरार हो गएबहादुरगढ़ के पास बराही रेलवे फाटक। यहीं राठी की हत्या की गई थी।

नफे सिंह को बेहद करीब से गोली मारी।

परिवार का पोस्टमार्टम से इनकार, 3 भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR
पुलिस ने राठी के भांजे संजय की शिकायत पर भाजपा के पूर्व MLA नरेश कौशिक, पूर्व चेयरमैन कर्मबीर राठी, पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के बेटे सतीश नंबरदार, राहुल, कमल और गौरव के खिलाफ हत्या समेत 8 धाराओं के तहत FIR दर्ज की है।
वहीं, राठी के परिवार ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है। राठी समर्थकों ने अस्पताल के बाहर रोड पर जाम कर दिया है। उन्होंने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।

झज्जर के SP अर्पित जैन ने कहा कि जांच के लिए 2 DSP के नेतृत्व में 5 टीमें बनाई हैं। CIA और STF को भी लगाया है। इस हमले में राठी के साथ पार्टी कार्यकर्ता जयकिशन दलाल की भी मौत हो गई। वहीं भांजे संजय और निजी सुरक्षाकर्मी की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नफे सिंह राठी की कार उनका भांजा संजय सिंह (ड्राइवर सीट पर) चला रहा था। हमले के बाद जब उन्हें समझ आया, तब तक नफे की मौत हो चुकी थी।।

1. मैंने देखा था कि सफेद रंग की कार पीछा कर रही
पुलिस को दिए बयान में हत्या के वक्त नफे सिंह राठी की कार चला रहे भांजे संजय ने हत्याकांड की पूरी कहानी बताई है। उन्होंने बताया, ‘हम आसौदा गांव में उनके परिवार में शोक व्यक्त करने गए थे। मैं मामा नफे सिंह राठी के साथ ड्राइवर हूं। रविवार (25 फरवरी) को असौदा गांव में सामाजिक कार्य करके बहादुरगढ़ वापस आ रहे थे। हम फॉर्च्यूनर गाड़ी नंबर (HR12AF-0011) में थे। मैं गाड़ी चला रहा था। राठी साइड वाली सीट पर बैठे थे। गाड़ी की पिछली सीट पर कबलाना निवासी संजीत और लाइनपार बहादुरगढ़ निवासी जयकिशन बैठे हुए थे।’

‘शाम करीब सवा 5 बजे, जब वे बराही फाटक से पहले गाड़ी में आ रहे थे तो मैंने एक सफेद रंग की कार को शीशे में पीछा करते देखा। कुछ आवाज भी आई तो मैंने गाड़ी की स्पीड तेज करनी चाही। अचानक सामने फाटक बंद दिखाई दिया। मैंने गाड़ी रोकी तो एकाएक 5 लड़के पिस्टल-हथियारों सहित सफेद कार से उतरकर आए। उन्होंने ललकार कर कहा कि सतीश, कर्मबीर राठी, नरेश कौशिक से दुश्मनी का इनको सबक सिखा दो। उन्होंने हम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जो मेरे बाईं बाजू, जांघ और कमर पर लगी।’

2. हमलावर मुझसे बोला- तुझे जिंदा छोड़ रहा, घर जाकर बता देना
‘उनमें से एक व्यक्ति ड्राइवर वाली विंडो पर आया और बोला कि तुझे जिंदा छोड़ रहा हूं, इनके घर जाकर बता देना कि नरेश कौशिक, कर्मबीर राठी, रमेश राठी, सतीश राठी, गौरव राठी, राहुल व कमल के खिलाफ कभी भी किसी भी अदालत में गए तो सारे परिवार को मार देंगे। मैंने अपने आपको संभाला तो देखा कि मामा (नफे सिंह राठी) और जयकिशन की मौत हो चुकी थी। संजीत की हालत गंभीर थी। राहगीर हम सभी को ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल ले आए। जहां मेरा इलाज चल रहा है। मैं हमलावरों को सामने आने पर पहचान सकता हूं।’

हमले का पता चलते ही अस्पताल के बाहर समर्थकों की भीड़ जमा हो गई। हमले के बाद नफे सिंह राठी और उनके 3 गनमैनों को यहीं भर्ती कराया गया।

राठी की साइड गाड़ी पर 10 बुलेट आर-पार
फायरिंग में राठी वाली साइड पर गाड़ी की बॉडी से कुल 10 बुलेट्स आर-पार हो गईं। 6 गोलियां खिड़की के शीशे को तोड़कर भी राठी को लगीं। गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे गनमैन को टारगेट करते हुए जो फायरिंग की गई, उनमें से 4 गोलियां गाड़ी की बॉडी के आर-पार हो गईं।

कुछ बुलेट्स जयकिशन और संजीत को लगीं। अंदर किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला। हमलावरों का टारगेट सीधे नफे सिंह राठी ही थे, इसलिए उन्होंने फॉर्च्यूनर गाड़ी पर सामने की तरफ से कोई फायरिंग नहीं की। यही वजह रही कि गाड़ी की विंडशील्ड को इस फायरिंग में कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

पुलिस को मौके से 21 खोल बरामद हुए हैं। अधिकारियों को शक है कि हत्या में 3 तरह की गन का इस्तेमाल की गईं।

अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके थे राठी
संजीवनी अस्पताल के डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि नफे सिंह राठी और उनके साथी की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी। उन्हें गर्दन, पेट के पीछे, पीठ और गर्दन में गोली लगी थी। कई गोलियां लगने की वजह से उनकी नसें कई जगह से डैमेज हो गई, जिस वजह से ज्यादा खून बहा और उनकी मौत हो गई। जयकिशन दलाल का भी काफी खून बह चुका था। बाकी 2 मरीजों की हालत भी गंभीर थी।

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