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श्याेपुर 2703.2024
हाकर्स जोन हुआ जर्जर, सड़क किनारे ही सामान बेच रहे फुटकर विक्रेता
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
शहर के पापूजी मोहल्ला में बना हाकर्स जोन जर्जर हालत में पहुंच गया हैं, इनमें न तो किसी को थड़े आवंटित किए गए और न ही इन्हें बसाने के लिए नगर पालिका की ओर से कोई पहल की गई, जबकि इस हाकर्स जोन को बनाने में नगर पालिका ने 06 लाख से ज्यादा की राशि खर्च की थी। इनमें सड़कों पर रखकर सामान बेचने वालों से लेकर फल विक्रेताओं को बैठाना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
गौरतलब है कि, नगर पालिका ने करीब 8 साल पहले शहर के सब्जी मंडी परिसर और पापूजी पार्क में हाकर्स जोन का निर्माण किया था। नपा का मकसद हाकर्स जोन बनाने के पीछे यह था कि, शहर में जितने भी लोग सड़क किनारे बैठकर सामान बेचते हैं, उन्हें हाकर्स जोन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा फल विक्रेताओं को भी एक निश्चित स्थान मिलेगा और सड़कों पर ट्रैफिक भी जाम नहीं होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आठ साल बाद भी यह हाकर्स जोन बदहाल है। जिनमें एक भी बार बाजार नहीं लगाया गया और न ही हाकर्स जोन बनाने वाली नगर पालिका ने लाखों खर्च करने के बाद इस पर कोई ध्यान दिया। आज हाकर्स जोन जर्जर हो चुका है। हाकर्स जोन में थड़ों के नीचे बनाए गए तिवारे में लगे गेट भी चोरी हो गए हैं। साथ ही पूरे हाकर्स जोन में गंदगी के ढेर लगे हुए है।
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सड़कों पर लग रहा जाम
हाकर्स जोन बनने के बाद भी फुटकर विक्रेता इनमें नहीं गए। वह सड़क किनारे बैठकर ही अपना सामान बेच रहे हैं। इसके अलावा फल विक्रेता भी सड़कों पर ही ठेला लगाकर फल बेच रहे है। ऐसे में शहर की 40 फीट की सड़क सिकुड़कर 15 फीट की रह गई है। बावजूद इसके नपा इन्हें सड़कों से हटाने को राजी नहीं है।
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मवेशी व शराबियों का अड्डा बने हाकर्स जोन
नगर पालिका द्वारा बनाया गया हाकर्स जोन का जब कोई इस्तेमाल नहीं हुआ तो यह मवेशी व जुआरियों सहित शराबियों के लिए अड्डा बन गए। रो ज हाकर्स जोन में जमकर जुआ खेली जाती है। साथ ही शाम ढलते ही हाकर्स जोन में आकर शराबी बैठ जाते है जो, देर रात तक यहां बैठकर शराब पीते है। इसके अलावा हाकर्स जोन में आवारा मवेशियों ने भी अपना स्थान जमा लिया है। दिनभर मवेशी इसीमें बैठे रहते है। वहीं क्षेत्र के लोगों ने उपयोग में नहीं आने पर हाकर्स जोन को घूरा बना दिया है।
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फल ठेले भी नहीं हुए व्यवस्थित
शहर में सिर्फ सड़कों को घटाने का काम फुटकर विक्रेता ही नहीं कर रहे है बल्कि, इस काम को शहर के फल विक्रेता भी कर रहे है, जो सड़क किनारे फल ठेले लगाते है, इनके कारण सड़कें कम पड़ने लगी है और लोग व वाहन गुजरने में बहुत परेशानी होती है। ठेला व्यवसायियों को व्यवस्थित करने के लिए भी नपा व प्रशासन ने कभी कोई प्लानिंग नहीं की। नतीजा सड़कों पर जाम के हालात बने रहते है।

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