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मगफिरत के लिए उठाए हाथ गुनाहों की मांगी माफी

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नाम-संपादक-ब्यूरोचीफ नबी अहमद कुरैशी,…..स्थान-श्योपुर मध्यप्रदेश…मगफिरत के लिए उठाए हाथ गुनाहों की मांगी माफी ————26 रोजे पूरे होने पर शनिवार को शबेकद्र मनाई गई। इस अवसर पर मुस्लिम समाज ने मस्जिदों में जागकर इबादत की। इस रात को जागने की बड़ी अहमित है। किताबों में लिखा है कि शबेकद्र की रात को एक पल ऐसा आता है, जिसमें मांगी गई सभी दुआएं कबूल होती है। इसलिए मुस्लिम समाज के लोगों ने शबेकद्र पर रातभर जागकर इबादत की। इस दौरान एसपी अभिषेक आनंद के निर्देश पर सभी मस्जिदों, मोहल्लों और सार्वजनिक स्थानों पर पुलिसबल तैनात रहा।
रमजान माह मे मस्जिदों में तरावीह की विशेष नमाज अदा की जाती है। इस नमाज में कुरआन शरीफ पूरा सुना जाता है। कुरआन शरीफ नमाज में सुनाने के लिए विशेष इमाम (हाफिज) की व्यवस्था की जाती है। शबेकद्र पर सभी मस्जिदों में कुरआन की तिलावत व तरावीह पूरी हो गई। इस अवसर पर तरावीह पढ़ाने वाले हाफिजों का सम्मान किया गया। घरों पर भी महिलाओं व बच्चों द्वारा पढ़े गए कुरआन वख्शा गया। शहर की आधा सैंकड़ा के करीब मस्जिदों में तरावीह पूरी होने व शबेकद्र के अवसर पर जश्न का माहौल रहा। रात भर जागकर इबादत करने वाले सुबह 05:30 बजे फज्र की नमाज अदा करने के बाद ही सोए। इस दौरान बाजार में भी दुकानें खुली रही। शबेकद्र पर कब्रिस्तानों में पहुंचकर फातिहा पढ़ने का रिवाज है। इसलिए मुस्लिम समाज के लोगों ने रात में जागने के बाद सुबह 06 बजे कब्रिस्तान पहुंचकर अपने परिजनों की कब्र पर फातिहा पढ़ी।

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