श्याेपुर 30.04.2024
इंद्र का घमंड तोड़ने भगवान श्रीकृष्ण ने शुरू करवाई गोवर्धन पूजा
— कथा में श्रीकृष्ण की बाल लीला और गोवर्धन पूजा प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुए भाव विभोर
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
ग्राम लाथ के हनुमान मंदिर पर चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को कथा व्यास पं. चंद्रप्रकाश शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला, माखन चोरी एवं गोवर्धन पूजा के प्रसंग का मनोहारी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। इंद्र का घमंड तोडने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को सात दिन तक उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे।
सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। इस मौके पर गोवर्धन लीला की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। संगीतमय कथा के दौरान भजनों पर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भजनों पर नाचते रहे। इसके बाद कथा व्यास पं चंद्रप्रकाश शास्त्री ने श्रीकृष्ण भगवान के माखन चोरी की कथा सुनाई। कथा सुनकर प्रभु भक्त भाव विभोर हो गए। कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान पहली बार घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गई। सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे। सब बैठकर पहले योजना बनाते की किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है। श्रीकृष्ण माखन लेकर बाहर आ जाते और सभी मित्रों के साथ बांटकर खाते थे। भगवान बोले जिसके यहां चोरी की हो उसके द्वार पर बैठकर माखन खाने में आनंद आता है। माखन चोरी की लीला का बखान करते हुए उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल रूप का सुंदर प्रकार से वर्णन किया।