सुप्रीम कोर्ट ने कहा-स्पेक्ट्रम का बिना नीलामी आवंटन नहीं
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार ने कुछ स्पेक्ट्रम की बिना नीलामी के आवंटन की अनुमति देने वाली केंद्र की अर्जी नामंजूर कर दी। सरकार ने 22 अप्रैल को 2012 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्पष्टीकरण के लिए याचिका लगाई थी।कोर्ट रजिस्ट्रार ने कहा कि सरकार स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में आदेश की समीक्षा की मांग कर रही है। यह गलत है। विचार का कोई उचित कारण नहीं है।
याचिका में सरकार ने 2G मामले के फैसले को स्पष्ट करने का अनुरोध किया था। साथ ही कहा था कि 2012 के फैसले में कुछ स्थितियों में सार्वजनिक नीलामी के अलावा दूसरे माध्यमों से स्पेक्ट्रम आवंटन पर रोक नहीं है।
याचिका रजिस्ट्रार ने क्यों वापस की
दरअसल, रजिस्ट्रार याचिका इस आधार पर नामंजूर कर सकता है कि इसमें उचित कारण नहीं है। हालांकि, याची 15 दिन में फिर अपील कर सकता है। यानी केंद्र के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का उपाय है। फरवरी 2012 में 2जी मामले के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्पेक्ट्रम जैसे सार्वजनिक संसाधनों का आवंटन सार्वजनिक नीलामी से होना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पेक्ट्रम आवंटन में ‘पहले आओ, पहले पाओ’ का नियम रद्द कर दिया था।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या आवेदन दिया था
केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने CJI वाईबी चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच में एक आवेदन दिया था। इस पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी।
बेंच को बताया गया था कि याचिका में 2012 के फैसले में संशोधन की मांग की गई है, क्योंकि केंद्र सरकार कुछ मामलों में 2G स्पेक्ट्रम लाइसेंस देना चाहता है। हालांकि, बाद में एक सूत्र ने यह दावा किया था कि सरकार 2012 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की मांग नहीं कर रही है।
2G स्पेक्ट्रम केस में क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2012 को दिए गए अपने फैसले में जनवरी 2008 में दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल के दौरान अलग-अलग फर्मों को दिए गए 2G स्पेक्ट्रम लाइसेंस को रद्द कर दिया था।कांग्रेस ने केंद्र सरकार की 2G स्पेक्ट्रम पर सुप्रीम कोर्ट से फैसले में बदलाव की मांग को पाखंड बताया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के पाखंड की कोई सीमा नहीं है, क्योंकि एक तरफ उसने UPA सरकार में हुए 2जी स्पेक्ट्रम के सरकारी आवंटन को घोटाला कहा था। वहीं, दूसरी तरफ अब नरेंद्र मोदी सरकार नीलामी के बिना स्पेक्ट्रम देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांग रही है।
वाराणसी
दिनांक 01 मई, 2024
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उल्लेखनीय है कि लोक सभा सामान्य निर्वाचन- 2019 (74-मछलीशहर (अ०जा०) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में समाविष्ट 384-पिण्डरा विधानसभा में याचिका से संबंधित निर्वाचन याचिका को मा0 उच्च न्यायालय,
इलाहाबाद ने अपने आदेश 08/02/2024 द्वारा याचिकाकर्ता द्वारा याचिका वापस लिए जाने के अनुक्रम में खारिज (dismissed) कर दिया गया है। उक्त जानकारी अपर जिलाधिकारी (वि०रा०)/प्रभारी अधिकारी ई०वी०एम० वन्दिता श्रीवास्तव ने दी है।