दिल्ली के स्कूलों में बम वाले फर्जी ई-मेल का मामला

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दिल्ली

-एनसीआर के 200 से अधिक स्कूलों को बम की धमकी वाले

ई-मेल मिलने के मामले में दिल्ली पुलिस ने रूस की मेलिंग

सेवा कंपनी Mail.ru से संपर्क किया है।

2 मई को दिल्ली पुलिस ने ई-मेल के सही सोर्स का पता लगाने के लिए इंटरपोल के जरिए मेलिंग कंपनी से संपर्क साधा। साथ ही CBI को भी पत्र लिखकर धमकी भरे ई-मेल के बारे में इंटरपोल चैनलों के जरिए से जानकारी मांगी।

मामले के अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि स्कूलों को मिले बम की अफवाह वाले ई-मेल का इरादा बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करना और दिल्ली में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना था।

पुलिस के मुताबिक, ई-मेल आईडी – savariim@mail.ru की जांच करने के लिए सोशल मीडिया इंटेलिजेंस टीमों की मदद ली गई है। टीम ने उस डिवाइस के आईपी एड्रेस का पता लगाने के लिए रूसी कंपनी से संपर्क किया है। हमें शक है कि ई-मेल भेजने वाले ने अपनी पहचान छिपाने के लिए VPN का इस्तेमाल किया है।

पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि दक्षिण दिल्ली के एक स्कूल को भी 2023 में एक फर्जी धमकी भरा ई-मेल मिला था, जहां भेजने वाले ने उसी मेल सेवा, mail.ru का इस्तेमाल किया था। एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में भी ई-मेल भेजने वाले का पता नहीं चल सका है।

स्कूलों को भेजा गया था धमकी भरा ई-मेल।

VPN से मदद से मेल आने पर IP पता करना मुश्किल
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, मेल भेजने के लिए VPN या प्रॉक्सी सर्वर का यूज किया गया है तो उसके IP एड्रेस को ट्रैक करना मुश्किल हो सकता है।

वहीं, mail.ru पर एक्सपर्ट ने कहा कि mail.ru सहित कई मेलिंग सर्विस कंपनियां बिना किसी वेरिफिकेशन के अकाउंट बनाने की सुविधा देती हैं, जिसे टेम्पररी ई-मेल एड्रेस बनाया जाता है।

स्कूल अब अभिभावकों को एक नई सलाह जारी करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें उनसे अपने बच्चों को कक्षाओं में भेजने के लिए कहा जाएगा और उन्हें आश्वस्त किया जाएगा कि बम के खतरों से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है।

मामले की जांच में IFSO और 14C
जांचकर्ता मामले को सुलझाने के लिए IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) और भारतीय साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) सहित अन्य एजेंसियों जुटी हुई हैं। मामले में IPC की धारा 505 (2), 507 और 120 B के तहत केस दर्ज किया गया है।

स्कूल में बम से उड़ाने का फर्जी मेल भेजने वाला पकड़ा
2 मई को ही दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर को दिल्ली के नांगलोई इलाके में मौजूद स्कूल में बम रखे जाने का मेल भेजा गया था। इस पर तत्काल एक्शन लेने के बाद पुलिस ने पाया था कि ई-मेल फर्जी है। इसके बाद पुलिस ने मेल भेजने वाले नाबालिग को हिरासत में लिया था।

पुलिस ने बताया कि नाबालिग ने शरारत में मेल सेंड किया था। उसकी काउंसिलिंग की गई और उसे परिजनों को सौंप दिया गया था।

क्या करता है इंटरपोल?
इंटरपोल (The International Criminal Police Organization) 192 सदस्य देशों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है। इसकी स्थापना का मुख्य उद्येश्य दुनिया की पुलिस को इतना सक्षम बनाना है कि पूरी दुनिया रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान बन सके। इंटरपोल की स्थापना 1923 में की गयी थी और इसका मुख्यालय फ्रांस में स्थित है।

इंटरपोल मुख्य रूप से इन तीन प्रकार के अपराधों के लिए अपनी पुलिस विशेषज्ञता और क्षमताओं का इस्तेमाल करता है। पहला आतंकवाद को काउंटर करना, दूसरा साइबर अपराध को रोकना और उसका पता लगाना और तीसरा संगठित अपराध को ट्रैस करना और रोकना। इंटरपोल सभी सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर काम करता है ताकि अंतरराष्ट्रीय अपराध से मुकाबला किया जा सके।दिल्ली-NCR के 100 स्कूलों में बम की धमकी फर्जी निकली:पुलिस बोली- हमने पूरी चेकिंग की, कुछ नहीं मिला; रूस के सर्वर से भेजा गया ई-मेल

दिल्ली-NCR के करीब 100 स्कूलों में आज सुबह बम रखे होने की धमकी भेजी गई थी। इसके तुरंत बाद सभी स्कूलों में दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ता, दमकल की गाड़ियां और एम्बुलेंस पहुंच गईं। स्कूलों को खाली करवाने के बाद पुलिस ने बम की तलाशी की।

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