...

अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा के अबूझ सहागल

0
nbs live tv

nbs live tv

श्याेपुर 07.05.2024
अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा के अबूझ सहालग के बाद जुलाई में बजेगी शहनाई
– गुरु और शुक्र ग्रह के अस्त होने से शुभ कार्यों में लग जाएगा विराम।
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
बैंड-बाजा और बारात में दो माह का विराम लग गया। क्योंकि गुरु व शुक्र ग्रह अस्त हो गए है, जिस कारण शुभ कार्य बंद हो गए हैं। इस अवधि में विवाह सहित मुंडन व उपनयन संस्कार नहीं होंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल शुक्र ग्रह 23 अप्रैल को अस्त हो गए हैं। शुक्रोदय 29 जून को होगा। गुरु ग्रह भी 3 मई को अस्त हो गए। 3 जून को फिर से देव गुरु बृहस्पति उदय हो जाएंगे। इस तरह 24 अप्रैल से 29 जून तक विवाह समारोह सहित मुंडन व उपनयन संस्कार वर्जित रहेंगे। गृहप्रवेश, संपत्ति, वाहन खरीदी व अन्य शुभकार्य यथावत होते रहेंगे। जुलाई में भी महज आठ दिन ही विवाह की शुभघड़ी है। ऐसे में अब आखाजीत और पीपल पूर्णिमा के अबूझ सहालग ही पर शादी विवाह जैसे शुभ कार्य हो सकते है।
बॉक्स:
जुलाई में महज 8 मुहूर्त
जुलाई में शादी-विवाह के 8 शुभ मुहूर्त पंडितों ने बताए हैं। 3, 9, 10 11, 12, 13, 14 और 15 तारीख को शादियां होंगी। इसके बाद फिर कुछ दिनों के लिए शहनाइयों की गूंज सुनाई नहीं देगी। देवशयनी एकादशी अर्थात् आषाढ़ शुक्ल एकादशी 16 जुलाई को देव उठनी एकादशी है। कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर तक चार माह देव शयन काल होता है। इस अवधि में विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी।
बॉक्स:
अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा पर जमकर होगी शादियां
वैसे तो गुरु व शुक्र ग्रह अस्त होने से शुभ कार्य बंद हो गए हैं। जिस कारण दो माह तक शादी विवाहो के लिए मुहूर्त नहीं है। लेकिन अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा ऐसे पर्व है, जिन पर शादी विवाह जैसे शुभ कार्य बिना मुहूर्त ही कर सकते है। इस बार 10 मई को अक्षय तृतीया और 23 मई को पीपल पूर्णिमा आ रही है। इन दोनों दिनों में शहर सहित जिलेभर बडी संख्या में शादी विवाह होगे। पं. हरिओमकृष्ण शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा शादी विवाह जैसे शुभ कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त माने जाते है। इसलिए इस दिन शादी विवाह सहित अन्य कई शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं है।
बॉक्स:
16 जुलाई से 12 नवंबर तक विवाह नहीं
पंडितों के मुताबिक चातुर्मास के चलते 16 जुलाई से 12 नवंबर तक भी विवाह नहीं होंगे। इस तरह अब आने वाले साढ़े छह माह में महज जुलाई में ही 8 दिन विवाह के लिए शुभमुहूर्त मिलेंगे। विवाह के लग्न मुहूर्त देखते समय गुरु और शुक्र ग्रह का अच्छी स्थिति में होना जरूरी होता है। इनमें से एक भी ग्रह अस्त होने या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि में विवाह का मुहूर्त नहीं बनता है। देवगुरु बृहस्पति और शुक्र देव को विवाह के लिए कारक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में हैं तो जल्द शादी के योग बनते हैं। इन दोनों ग्रहों के कमजोर होने पर विवाह में बाधा आने लगती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.