अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर
अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शनिवार (10 अगस्त) सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। माना जा रहा है कि आतंकी डोडा से अनंतनाग के इलाके में घुसे हैं। ऑपरेशन जिले के कोकरनाग टाउन में चल रहा है।
पुलिस अधिकारियों को आतंकवादियों के छिपे होने का इनपुट मिला था। इसके बाद पुलिस और सिक्योरिटी फोर्सेज की ज्वाइंट टीम सर्च ऑपरेशन में लग गई। इसी दौरान आतंकियों ने हमला कर दिया, जिसमें दो जवान घायल हो गए। इलाके में दो से तीन आतंकी के छिपे होने की आशंका है। अभी मुठभेड़ जारी है।
पिछले एक साल में कोकेरनाग में यह दूसरी बड़ी मुठभेड़ है। इससे पहले सितंबर 2023 में कोकेरनाग जंगल में आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में तीन जवान शहीद हुए थे।
इससे एक दिन पहले 9 अगस्त को पुलिस ने चार आतंकवादियों के स्केच जारी किए थे। इन्हें आखिरी बार कठुआ जिले के मल्हार, बानी और सोजधर के ढोक में देखा गया था। पुलिस ने आतंकियों की जानकारी देने वालों को 5 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। ये आतंकी कठुआ में हुए सेना के काफिले पर हमले में शामिल हैं।
17 जुलाई को कुपवाड़ा में 2 आतंकी ढेर हुए
कुपवाड़ा के केरन इलाके में 17 जुलाई को सेना ने एनकाउंटर में 2 आतंकियों को मार गिराया था। सेना को यहां कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इसके अलावा उसी दिन डोडा में भी दो जगह एनकाउंटर चला। इसमें आतंकवादियों के हमले में दो सैनिक घायल हो गए थे।
17 जुलाई को कुपवाड़ा में 2 आतंकी ढेर हुए
कुपवाड़ा के केरन इलाके में 17 जुलाई को सेना ने एनकाउंटर में 2 आतंकियों को मार गिराया था। सेना को यहां कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इसके अलावा उसी दिन डोडा में भी दो जगह एनकाउंटर चला। इसमें आतंकवादियों के हमले में दो सैनिक घायल हो गए थे।
लड़ाई लंबी चलेगी, खाने-पीने के सामान के साथ जवान तैनात
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डोडा और कठुआ पांच महीने से आतंकवाद के एपिसेंटर बने हुए हैं। कठुआ के बदनोटा से डोडा के धारी गोटे और बग्गी तक करीब 250 किमी में आतंकियों के छिपे होने के सबूत मिले हैं।
यहां 20 वर्ग किमी का एक बड़ा इलाका है, जहां से आतंकी आसानी से पहाड़ चढ़कर घात लगाकर हमला कर रहे हैं, इसलिए इन्हीं पहाड़ों पर जवानों को खाने-पीने के सामान व गोला बारूद के साथ तैनात किया है।जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गएजम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा के पास सुरक्षाबलों ने रविवार को 3 आतंकियों को मार गिराया। तीनों लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। इनके पास से पिस्तौल, गोला-बारूद बरामद किए गए। तीनों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। पहाड़ों पर विलेज गार्ड भी
सेना ने जंगलों वाले ऊंचे इलाकों में विलेज गार्ड भी तैनात किए हैं। जम्मू-कश्मीर में साल 1995 में 25000 विलेज गार्ड सैन्य ट्रेनिंग के बाद रखे गए थे। बाद में इन्हें हटाया दिया गया। 14 अगस्त 2022 को इन्हें फिर तैनात किया गया। इन्हें 4 हजार रुपए महीना वेतन और हथियार देते हैं।
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