लखनऊ में भाजपा का झंडा लगी सफारी प्लेटफार्म पर दौड़ाई
लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन में दो युवक भाजपा का झंडा लगी सफारी कार लेकर घुस गए। बुधवार रात 1 बजे 500 मीटर कार प्लेटफार्म पर दौड़ाई। कार लेकर GRP थाने तक पहुंच गए।
प्लेटफॉर्म पर तेज रफ्तार कार को देखकर यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। यात्री अपना सामान समेट कर इधर-उधर भागने लगे। यात्रियों के शोर मचाने पर पुलिस को पता चला।
इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और दोनों युवकों को पकड़ लिया। कार को सीज कर दिया। दोनों युवक नशे में थे। आज दोनों का मेडिकल होगा।
यात्री बोले- भीड़ कम थी, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था
सफारी (यूपी 32 FA 8989) सरोजनीनगर निवासी हितेश तिवारी की है। वही कार चला रहा था। उसके साथ बंथरा निवासी शिवांश चौधरी बैठा था। दोनों पार्सल घर के निकट बने रैंप से कार लेकर प्लेटफार्म नंबर-1 पर पहुंचे।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है- हम लोग ट्रेन के इंतजार में प्लेटफार्म पर बैठे थे, तभी अचानक कार आ गई। जब तक हम कुछ समझ पाते, तब तक कार स्पीड से हमारे बगल से निकल गई। प्लेटफार्म पर अफरा-तफरी मच गई। यात्री अपना सामान समेटने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया- उस समय प्लेटफार्म नंबर-1 पर कोई ट्रेन नहीं थी। इसके चलते भीड़ कम थी। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। हम लोगों के शोर मचाने पर पुलिस को घटना के बारे में पता चला। इसके बाद पुलिस ने दोनों युवकों को पकड़ लिया।
दोनों आरोपियों का होगा मेडिकल
चारबाग स्टेशन के RPF प्रभारी निरीक्षक रंजीत कुमार ने बताया- चारबाग पार्सल घर के आगे पार्सल की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए रैंप बना है। इसी रैंप से दिव्यांग यात्री भी स्टेशन के अंदर जाते हैं। रैंप से दोनों युवक सफारी लेकर प्लेटफार्म पर पहुंचे। दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
उन्होंने बताया- युवकों को रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने कार चला रहे, हितेश तिवारी को जेल भेज दिया। शिवांश चौधरी को जमानत दे दी। आज दोनों का बलरामपुर अस्पताल में मेडिकल करवाया जाएगा।
एक साल पहले मंत्री की कार चढ़ी थी
24 अगस्त, 2023 को उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह की कार को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर बने एस्केलेटर तक ले जाया गया था। इसके लिए कार को दिव्यांगों के लिए बने रैंप पर चढ़ाकर एस्केलेटर तक पहुंचाया गया था।
इस घटना का वीडियो भी सामने आने के बाद RPF ने मामला दर्ज किया था। मंत्री के वाहन चालक ने कोर्ट में सरेंडर किया था। कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर कोर्ट ने उसे जमानत दी थी।’ये जमीन रेलवे की है, दो कमरे के लिए ढाई लाख रुपए देने पड़ेंगे। पक्की छत डलवाने के लिए पुलिस से समझना पड़ेगा। हम छोटे से थे, तब से सुन रहे हैं ये गिर जाएगा। लेकिन, अभी तक गिरा नहीं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि ऐसे नहीं हटा सकते, जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाएगी।’