karnataka-राहुल के खिलाफ कर्नाटक में FIR
karnataka-SC-ST और सिख समुदाय पर विवादित टिप्पणी का आरोप
karnataka-राहुल बोले- बयान का गलत मतलब निकाला गया
राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान को लेकर शनिवार को भाजपा ने कर्नाटक में FIR करवाई है। यह शिकायत बेंगलुरु के हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन में की गई है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नेता SC, ST, OBC और सिख समुदाय को निशाना बनाकर बांटने वाली पॉलिटिक्स कर रहे हैं। ऐसे में उनकी विभाजनकारी नीति की जांच होनी चाहिए।
इससे पहले राहुल के खिलाफ यूपी और छत्तीसगढ़ में भी FIR दर्ज हो चुकी हैं।
राहुल ने अमेरिका दौरे के समय आरक्षण और सिख समुदाय को लेकर बयान दिया था। इसी के खिलाफ भाजपा नेता विरोध जता रहे हैं। हालांकि, राहुल का कहना है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है।
राहुल ने सिख समुदाय से पूछा- क्या मैंने कुछ गलत कहा राहुल गांधी ने शनिवार को फिर अपने बयान को सही बताया। उन्होंने भाजपा पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि हमेशा की तरह भाजपा उनके बयान को गलत पेश कर रही है। BJP हमेशा ही झूठ का सहारा लेती है।
राहुल ने अमेरिका में दिए स्टेटमेंट का वीडियो पोस्ट करते हुए सिख समुदाय से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि क्या मैंने कोई गलत स्टेटमेंट दिया है।
दरअसल, 10 सितंबर को अमेरिका में राहुल ने कहा था कि भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं।
राहुल से आरक्षण पर भी सवाल पूछा गया था। तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।
बयान को लेकर राहुल को धमकियां भी मिल रहीं…
1. तरविंदर सिंह मारवाह : दिल्ली में राहुल गांधी के घर के बाहर 11 सितंबर को भाजपा ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह पर राहुल को मारने की धमकी देने का आरोप लगा। उन्होंने कहा;-
राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा, जो तेरी दादी का हुआ।
इसके बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘BJP नेता खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष को हत्या की धमकी दे रहा है। ये बेहद गंभीर मामला है। ये भाजपा की नफरत की फैक्ट्री का प्रोडक्ट है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। PM मोदी अपनी पार्टी के इस नेता की धमकी पर चुप नहीं रह सकते।
2. केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने 15 सितंबर को कांग्रेस लीडर राहुल गांधी को आतंकवादी बताया। 19 सितंबर को उनके खिलाफ कर्नाटक पुलिस में FIR दर्ज की की।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि ‘राहुल गांधी हिंदुस्तानी नहीं हैं। उनको भारत से प्यार भी नहीं है। राहुल ने पहले मुसलमानों का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो वे अब सिखों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि, ‘राहुल गांधी देश के नंबर वन टेररिस्ट हैं। उनको पकड़ने वाले को इनाम दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। देश की एजेंसियों को उन पर नजर रखनी चाहिए।’
कांग्रेस का जवाब: केंद्रीय मंत्री के बयान पर पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जिसने राहुल गांधी के आगे-पीछे घूमकर अपना राजनीतिक करियर बनाया, वो सत्ता के लालच में विरोधियों की गोदी में बैठ कर सस्ते बयान दे रहा है। रवनीत बिट्टू को शास्त्रों में आस्तीन का सांप कहा गया है।
3. संजय गायकवाड़: 16 सितंबर को महाराष्ट्र के बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, ‘राहुल गांधी पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। उन्हें इसका इनाम मिलेगा, जो भी राहुल की जीभ काटेगा, उसे 11 लाख रुपए दिए जाएंगे।’
संजय ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में संविधान खतरे में होने का फर्जी नैरेटिव सेट कर वोट हासिल किए। आज वे आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस पिछड़े वर्ग, ओबीसी और आदिवासियों का आरक्षण खत्म करना चाहती है। बुलढाणा में संजय पर FIR दर्ज कर ली गई है।
17 सितंबर: खड़गे ने PM मोदी को लेटर लिखा, कहा- अपने नेताओं को रोकें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें बधाई देने के बाद एक चिट्ठी भी लिखी थी। इसमें राहुल गांधी के खिलाफ हेट स्पीच पर चिंता जताई थी। खड़गे ने लिखा था- ‘भाजपा और सहयोगी दलों के नेता लगातार राहुल गांधी के लिए बेहद आपत्तिजनक और हिंसक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपसे आग्रह है कि ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएं।’
18 सितंबर: नड्डा का खड़गे को जवाब, कहा- राहुल की करतूतें न भूलें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 18 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम ओपन लेटर लिखा। नड्डा ने लिखा कि आप राहुल गांधी समेत अपने नेताओं की करतूतों को भूल गए हैं या फिर उन्हें जानबूझ कर नजरअंदाज किया।
नड्डा ने लेटर में यह भी लिखा कि कांग्रेस के नेताओं ने पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री मोदी को 110 से ज्यादा गालियां दी हैं। तब राजनीतिक शुचिता, मर्यादा, अनुशासन, शिष्टाचार जैसे शब्द आपकी डिक्शनरी से क्यों गायब हो जाते हैं?
आप राजनीतिक शुचिता की दुहाई दे रहे हैं लेकिन आपके नेताओं का इतिहास ही इसकी धज्जियां उड़ाने का रहा है। ऐसा दोहरा रवैया क्यों?प्रियंका बोलीं- PM को बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए जेपी नड्डा के लेटर की प्रियंका गांधी ने आलोचना की। प्रियंका ने कहा- प्रधानमंत्री की अगर बुजुर्गों का सम्मान करने में आस्था होती तो वे खुद लेटर का जवाब देते। PM मोदी ने जेपी नड्डा से लेटर भिजवाकर उनका अपमान किया। आखिर 82 साल के एक सीनियर लीडर को नीचा दिखाने की क्या जरूरत थी।राहुल के अमेरिका में भारत में आरक्षण को लेकर दिए बयान पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के बारे में जागरूकता की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग इसकी आत्मा को भूल गए हैं। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की ऐसी टिप्पणी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।