नितिन गडकरी जोधपुर आए

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केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गड़करी आज जोधपुर में निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। कार्यक्रम के बाद उन्होंने जोधपुर में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को लेकर रुट देखा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने उन्हें आखलिया चौराहे से होते हुए चालू ट्रेफिक में एलिवेटेड रोड के लिए रुट का अवलोकन करवाया। और सोजती गेट,पावटा चौराहा होते हुए राइकाबाग पुलिया से एयरपोर्ट ले गए इस दौरान ट्रेफिक की वजह से उनका काफ़िला रुका भी। शेखावत ने परिवहन मंत्री को जोधपुर में बनने वाली इस मल्टीलेयर एलिवेटेड रोड के विषय में विस्तार से अवगत कराया। इधर कांग्रेस ने कहा कि यह चुनावी स्टंट है। यह प्रोजेक्ट पहले ही गडकरी ने बीजेपी के ही राज्यसभा सांसद को पत्र लिख कर सूचित किया था इस तरह की कोई योजना यहां नहीं और इस प्रोजेक्ट को लेकर कोइ कौरेसपौंडैंट नहीं की गई। यह तो गडकरी निजी कार्यक्रम में आए थे यहां के नेताओं ने लाभ उठाने के लिए जुमला चला दिया कि वह एलिवेटेड रोड का अवलोकन करने आए है।

इधर शेखावत ने पूरे रूट का निरीक्षण कर बताया कि किस प्रकार यह रोड जोधपुर के लिए लाभान्वित होगी। जोधपुर की हार्ट लाइन पर यातायात का दबाव कम हो जाएगा। गडकरी ने जूना खेड़ापति मंदिर, आखलिया चौराहा, बॉम्बे मोटर, पांचवीं रोड, शनिश्चर जी का थान, जालोरी गेट, पुरी तिराहा तक गाड़ी में बैठकर मार्ग का अवलोकन किया।

गडकरी नई सड़क चौराहे पर कुछ देर रुके। यहां पर केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने उनको प्रोजेक्ट के विषय जानकारी दी। इसके बाद हाईकोर्ट रोड होते हुए पावटा चौराहा पहुंचे। रूट का अवलोकन करने के बाद केंद्रीय मंत्री गडकरी एयरपोर्ट पहुंचे।

1700 करोड़ से अधिक आएगी लागत
9.6 किमी लंबी एलिवेटेड रोड 100 पियर पर बन रही है। हाईब्रिड एलिवेटेड रोड के लिए डबल डेकर पुल भी बन रहा है, जिसमें सबसे नीचे सड़क, उसके ऊपर फ्लाईओवर और तीसरे लेयर पर मेट्रो का ट्रैक है। इसकी लागत 1700 करोड़ रुपए से अधिक आएगी।

क्या है यह योजना

एलिवेटेड रोड का प्लान बरसों से चल रहा है, लेकिन यह मूर्त रूप लेने का नाम ही नहीं ले रहा है। वर्ष 2012-13 में अशोक गहलोत के दूसरी बार सीएम रहते तत्कालीन महापौर रामेश्वर दाधीच ने इस प्लान पर काम शुरू किया था। तब यह प्लान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) पर प्रस्तावित था, लेकिन फिजिबिलिटी रिपोर्ट आने तक प्रदेश में सरकार बदल गई और काम रुक गया।

शहर के लाेगाें की सुविधा काे ध्यान में रखते हुए जुलाई 2019 के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस एलिवेटेड रोड की डीपीआर बनाने की घोषणा की। इसके बाद जेडीए ने बड़ौदरा की फर्म जियो डिजाइन एंड रिसर्च कंपनी को फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाने का काम सौंपा था। जेडीए ने रिपोर्ट एप्रूव्ड करने के बाद डीपीआर राज्य सरकार के पास भेज दी। इसके बाद पैसों को लेकर संकट खड़ा हो गया।

राजनीति में उलझी

इसके बाद यह प्रोजेक्ट राजनीति में उलझ गया। शेखावत ने अपने स्तर पर प्रयास कर नीतिन गडकरी से मिलकर इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के माध्यम से पूरा कराने का दबाव डाला। इसके बाद गडकरी ने अपनी सहमति दे दी कि केन्द्र सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगी। उसी दौरान गहलोत सरकार के शहर निकाय मंत्री शांति धारीवाल ने अपनी जोधपुर यात्रा के दौरान इस प्रोजेक्ट पर सवालिया निशान लगा इसे खारिज कर दिया।

इससे एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया। वहीं राज्य सभा सांसद जोधपुर के राजेन्द्र गहलोत के एक सवाल के जवाब में गडकरी ने लिखित में जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रोजेक्ट विचारणीय नहीं है। इससे राजनीति गरमा गई। बाद में मुख्यमंत्री गहलोत व केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने अपने-अपने स्तर पर गडकरी से बात की। एक वर्ष पहले शेखावत के साथ बैठक में गडकरी ने सहमति जताई कि केन्द्रीय मंत्रालय इस परियोजना को अपने हाथ में लेगा। और आज जोधपुर आने पर अवलोकन भी किया।

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