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रामायण-महाभारत NCERT की बुक में पढ़ाए जा सकते हैं

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भारत के महाकाव्य रामायण और महाभारत नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) के सिलेबस में शामिल हो सकते हैं। इन्हें स्कूल के इतिहास के सिलेबस में भारत के क्लासिकल पीरियड की कैटेगरी में रखा जा सकता है।

NCERT के ही हाईलेवल पैनल सोशल साइंस कमेटी ने इसकी सिफारिश की है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि रामायण-महाभारत किस क्लास के किस चैप्टर में पढ़ाई जाएंगी।

प्रो. सीआई इसाक ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि पैनल ने यह प्रस्ताव भी रखा कि स्कूल की हर क्लास में दीवार पर संविधान की प्रस्तावना लिखी जाए। यह क्षेत्रीय भाषा में होनी चाहिए। इसाक इतिहास के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं।

कौन सी कमेटी और इसने क्या प्रस्ताव रखे
दरअसल, NCERT की सोशल साइंस कमेटी स्कूलों में इस विषय के पाठ्यक्रम को फिर से तय करने के लिए बनाई गई है। कमेटी यह भी प्रस्ताव है कि इंडियन नॉलेज सिस्टम तैयार किया जाए। किताबों में वेद और आयुर्वेद को भी शामिल किया जाए।

यह प्रस्ताव NCERT की नई टेक्स्ट बुक बनाने में मददगार रहेंगे। हालांकि, इन प्रस्ताव को अभी NCERT से अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है।

महर्षि वाल्मीकि ने 24 हजार श्लोकों में रामायण लिखी। सोलहवीं शताब्दी में तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की। रामायण काल, महाभारत से प्राचीन माना जाता है।

इतिहास को चार भागों में बांटने की सिफारिश
प्रो. (रिटायर्ड) इसाक ने बताया- हमने इतिहास को चार हिस्सों में बांटने का सुझाव दिया है। एक- क्लासिकल पीरियड, दूसरा- मेडिएवल पीरियड यानी मध्यकाल, तीसरा- ब्रिटिश काल और चौथा- आधुनिक भारत। अभी तक इतिहास तीन हिस्सों में ही पढ़ाया जाता है- प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत और आधुनिक भारत।

इसाक के मुताबिक, क्लासिकल पीरियड में हमने रामायण और महाभारत महाकाव्य पढ़ाने का सुझाव रखा है। हमारा मानना है कि स्टूडेंट्स को यह पता होना चाहिए कि राम कौन थे और उनका उद्देश्य क्या था?

महाभारत में कौरव-पांडवों की कथा है। धर्मग्रंथों के मुताबिक, महाभारत महर्षि वेद व्यास ने बोली और भगवान गणेश ने लिखी।

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