...

वीरपुर पहुंचने के बाद वापस कूनो नेशनल पार्क की सीमा में लोटी मादा चीता वीरा

0

श्याेपुर 30.01.2024
वीरपुर पहुंचने के बाद वापस कूनो नेशनल पार्क की सीमा में लोटी मादा चीता वीरा
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क से मादा चीता वीरा पिछले दो दिनों से बाहर निकली मादा चीता मंगलवार की दोपहर कूनो नेशनल पार्क की सीमा में लौट आई है। ये वीरपुर इलाके में रिहाईशी बस्ती के नजदीक तक पहुंच गई थी। सोमवार शाम यह चीता वीरपुर पुलिस थाने की बाउंड्री के ठीक पास में कोनदे नाले में देखी गई थी। चीता के वापस लौटने पर कूनो नेशनल पार्क की सीमा में लौट अाई।
जानकारी के अनुसार सोमवार शाम करीब 7 बजे चीता वीरा को चक सीताराम और हारकुई गांव के आसपास देखी गई। इस इलाके से कुछ ही किलोमीटर आगे से मुरैना जिले की सीमा शुरू हो जाती हैं। अगर चीता आगे बढ़ती हैं, तो मुरैना जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगी। वहां से कुछ ही किलोमीटर आगे चंबल नदी हैं, जहां से राजस्थान की भी सीमा लगी है। इस वजह से वन अमला चीते को लगातार ट्रैक करके उस पर निगरानी बनाए हुए हैं। ताकि, चीता अगर राजस्थान की सीमा की तरफ बढ़े, तो उसे ट्रेंकुलाइज करके वापस कूनो नेशनल पार्क लाया जा सके।
बॉक्स:
वीरपुर क्षेत्र के जंगल में सबसे ज्यादा वन्य जीव
कूनो नेशनल पार्क में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 हैं, लेकिन तेंदुए से लेकर हिरण, सांभर और नीलगाय और तमाम तरह के वन्य जीवों की तादाद यहां हजारों में हैं। हर किलोमीटर के दायरे में यह वन्य जीव कूनो के अंदर देखे जा सकते हैं। लेकिन, सबसे ज्यादा वन्य जीव वीरपुर वन रेंज के लोंझर क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। शायद यह चीता भी इसी वजह से इस क्षेत्र के लिए आकर्षित हुई होगी।
बॉक्स:
रिहाइशी इलाके में मूवमेंट
वीरा चीता पिछले दो दिनों से वीरपुर तहसील के रिहायशी इलाकों के आसपास देखी जा रही है। इस वजह से वन अमले की चुनौती बढ़ गई हैं। क्योंकि, रिहाइशी इलाका होने से चीते को इंसानों और इंसानों को चीते से खतरा हो सकता है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारी चीते से इंसानों को किसी भी तरह का खतरा नहीं होने की बात कहते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.