.जीएन साईबाबा बोले- पढ़ाए बिना नहीं रह सकता
नाम-संपादक मर्सी सरकार…..स्थान-नागपुर….जीएन साईबाबा बोले- पढ़ाए बिना नहीं रह सकता———–दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ने यूनिवर्सिटी से मांग की है कि उन्हें नौकरी वापस दी जाए और इतने साल जो वे नौकरी से दूर रहे, उसका मुआवजा दिया जाए। साईबाबा को नक्सलियों से कथित संबंध रखने के शक में 2014 में गिरफ्तार किया गया था। गढ़चिरौली के सेशन कोर्ट ने मार्च 2017 में साईबाबा और अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया था।
5 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने साईबाबा और 5 अन्य आरोपियों- हेम मिश्रा, महेश तिर्की, विजय तिर्की, नारायण सांगलीकर, प्रशांत राही और पांडु नरोटे को बरी कर दिया। कोर्ट ने उनकी उम्रकैद की सजा रद्द कर दी है। उन्हें दोषसिद्धि के खिलाफ अपील करने की इजाजत भी दी गई है। एक आरोपी नरोटे की पहले ही मौत हो चुकी है।