इंदौर जिले में 2018 से 1.5% ज्यादा वोटिंग

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इंदौर जिले में 2018 से करीब डेढ़ प्रतिशत ज्यादा मत गिरे हैं। सुबह शुरुआत धीमी रही लेकिन बाद में कवर कर लिया। जिले में कुल 74% वोट गिरे हैं। पिछली बार 72.8 वोट डले थे। देपालपुर में 82.4 और सांवेर में 80.2% वोटिंग हुई। महू में पिछली बार से दो पर्सेंट वोट कम गिरे हैं, यहां त्रिकोणीय मुकाबला है।

शहरी सीटों में इंदौर-2 में 67.4 पर्सेंट और इंदौर-5 में 67.9 प्रतिशत ही वोटिंग हुई है। यहां पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने कम मतदान किया है। कुल 10 लाख 52 हजार 634 पुरुषों ने वोट डाले, महिला वोट 9 लाख 79 हजार 572 डाले गए। इंदौर-1, इंदौर-3, इंदौर-5 पर वोटिंग पर्सेंट में बढ़ोतरी हुई है लेकिन ग्रामीण सीटों के मुकाबले कम है।

विजयवर्गीय और शुक्ला दिनभर मतदान केंद्रों पर घूमे

इंदौर की एक नंबर विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट में शामिल है। यहां भाजपा से कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस से संजय शुक्ला ने चुनाव लड़ा है। दोनों प्रत्याशी सुबह वोट डालने के बाद लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे। भ्रमण कर व्यवस्था का जायजा लेते रहे।

कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा इंदौर-1 के मतदान केंद्रों पर पहुंच कर कार्यकर्ताओं से बात की और मतदान प्रतिशत के बारे में जानकारी ली। वहीं संजय शुक्ला भी दोपहिया वाहन से विधानसभा में घूमे और मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्रों पर वोट देने के लिए लाइन में लगे मतदाताओं से बात भी की।

दोपहर 1 से 3 बजे के बीच इस बार रिकवर हुआ वोटिंग पर्सेंट

साल 2018 की तुलना में इस बार सुबह से मतदान कम रहा। इंदौर की सभी 9 सीटों पर पिछली बार 2018 में शुरुआती दो घंटे यानी 7 से 9 बजे के बीच 14 पर्सेंट मतदान हो गया था, जो इस बार केवल 6.5 पर्सेंट ही रहा। इसी तरह पिछले चुनाव में सुबह 11 बजे तक 33.7 पर्सेंट वोट डाले गए थे और इस बार 23.5 पर्सेंट ही वोटिंग हुई।

दोपहर 1 बजे तक पिछली बार 52 पर्सेंट वोटिंग हो गई थी, जो अबकी बार मात्र 39.4 पर्सेंट ही रही। लेकिन पिछली बार से इस समय तक पीछे चल रहा वोटिंग पर्सेंट दोपहर 1 से 3 के बीच में रिकवर हुआ और वोटिंग का आंकड़ा अबकी बार 53 पर्सेंट पर पहुंच गया जो पिछली बार से मात्र 2 पर्सेंट (55.2) ही कम था। यहां से वोटिंग पर्सेंट में तेजी आई और देर शाम तक मतदान केंद्रों पर लोगों ने वोट डाले।

ये रहा महिलाओं का सीट वार वोटिंग पर्सेंट

महिलाओं की बात करें तो इंदौर-1 में 70.6, इंदौर-2 में 66.7, इंदौर-3 में 69, इंदौर-4 में 69.4, इंदौर-5 में 66.2, सांवेर में 77.2, देपालपुर में 80, महू में 75.6, राउ में 74.6 प्रतिशत रहा। जिले में कुल महिलाओं का वोटिंग 71.9 पर्सेंट रहा। किसी भी विधानसभा में महिलाओं का वोटिंग पर्सेंट पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नहीं रहा है।

इंदौर-3 और 5 नंबर और राऊ में भी बढ़ गया वोट पर्सेंट

इंदौर-3 नंबर सीट पर भी सभी की नजर टिकी हुई हैं। यहां से दोनों ही पार्टियों ने नए चेहरों को मौका दिया। कांग्रेस से दीपक पिंटू जोशी तो बीजेपी से गोलू शुक्ला उम्मीदवार हैं। गोलू को आखिरी समय पर पार्टी ने प्रत्याशी बनाया। जबकि पिंटू के टिकट के लिए भी लंबे समय तक जोड़तोड़ चली थी।

2018 के चुनाव में इंदौर-3 का वोट पर्सेंट 70.4 था। जबकि इस बार चुनाव में वोट पर्सेंट बढ़कर 71.24 पर्सेंट पर पहुंच गया है। यानी करीब सवा पर्सेंट वोट बढ़ा है। ऐसे में वोट पर्सेंट बढ़ने का फायदा किसे मिला ये तो 3 दिसंबर को पता चलेगा लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल के नेता अब अपनी जीत के गुणा-भाग में लग गए हैं।

इसी तरह इंदौर-5 नंबर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल और बीजेपी से महेंद्र हार्डिया के बीच मुकाबला था। 2018 में यहां वोट पर्सेंट 65.7 था। इस बार 67.90 पर्सेंट मतदान हुआ है। यानी इस सीट पर भी वोट पर्सेंट बढ़ा है। पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी 1132 वोट से हारे थे। ऐसे में बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत किसके पक्ष में गया इसे लेकर अब समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। राऊ सीट पर 2018 में वोट पर्सेंट 74.6 था, जो इस बार बढ़कर 76 पर्सेंट पहुंच गया है।

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