ठंडे बस्ते में एक्सप्रेस-वे, छह माह में भी नहीं आई नई गाइडलाइन

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श्याेपुर 10.12.2023 ठंडे बस्ते में एक्सप्रेस-वे, छह माह में भी नहीं आई नई गाइडलाइन – बीते 5 सालों से चल रही है सर्वे और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया। ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश बीते 5 सालों से सर्वे और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में चल रहा अटल प्रोग्रेस वे का प्रोजेक्ट शायद इस चुनावी वर्ष में अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। यही वजह है कि 28 मार्च को मुख्यमंत्री ने इसमें नए एलाइनमेंट सर्वे की घोषणा की, लेकिन इसके बाद अब छह माह निकल चुके हैं, लेकिन सरकार कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं कर पाई है। जिसके चलते ये प्रोजेक्ट फिलहाल अधर में ही है। अटल प्रोग्रेस वे दूसरे सर्वे एलाइनमेंट में किसानों की निजी जमीन ज्यादा जा रही थी, जिसका किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा था। यही वजह है कि 28 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में एलाइनमेंट बदलने की घोषणा वीसी के माध्यम से की थी। जिसके बाद प्रोग्रेस वे के लिए चल रही पुरानी प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी गई। लेकिन अब छह माह का समय बीत गया है और नए सर्वे या नई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। बॉक्स: होल्ड कर दी गई टैंडर प्रक्रिया मार्च में नए सर्वे एलाइनमेंट की घोषणा से पहले एनएचएआइ द्वारा अटल प्रोग्रेस वे के लिए एक पार्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया भी आमंत्रित कर ली गई थी, लेकिन अब इसे होल्ड कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 218 किलोमीटर (श्योपुर के साडा का पाड़ा गांव से मुरैना के अंबाह पोरसा के आगे तक) के टेंडर आमंत्रित किए गए थे, जिसमें लगभग 4 हजार करोड़ रुपये की लागत थी। लेकिन यदि अब एलाइनमेंट चेंज हुआ तो टेंडर प्रक्रिया भी नए सिरे से अपनाई जाएगी। बॉक्स: 06-माह बाद भी नहीं आए कोई नए निर्देश अटल प्रोग्रेस वे का प्रोजेक्टर के लिए बीते पांच सालों से सर्वे और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही थी जो चुनावी वर्ष में अब ठंडे बस्ते में चली गई है। यही वजह है कि बीते मार्च में मुख्यमंत्री द्वारा नए एलाइनमेंट सर्वे की घोषणा की, लेकिन इसके बाद अब छह माह निकल चुके हैं, जिसके चलते ये प्रोजेक्ट फिलहाल अधर में ही लटक गया है। बॉक्स: पांच साल से प्रस्तावित है प्रोजेक्ट चंबल नदी के समानांतर श्योपुर, मुरैना और भिंड में चंबल एक्सप्रेस-वे बनाने की परिकल्पना वर्ष 2018 में की गई। साथ ही इसे भिंड की ओर यूूपी और में और श्योपुर की ओर राजस्थान में जोडऩे का प्लान बनाया। इसके बाद वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने इसका नाम बदलकर चंबल प्रोग्रेस-वे रख दिया और बाद में चंबल अटल एक्सप्रेस-वे कर दिया। अगस्त 2020 में फिर इसका नाम अटल प्रोगे्रस-वे रखा गया। इसके बाद वर्ष 2021 में फिर नाम बदलकर अटल प्रगति पथ कर दिया। यही नहीं वर्ष वर्ष 2019-20 में जिस एलाइनमेंट के साथ सर्वे हुआ, उसे वर्ष 2022 में बदलकर नए सिरे से एलाइनमेंट किया गया। लेकिन अब तीसरी बाद एलाइनमेंट होगा। बॉक्स: जिले में 57 गांवों से प्रस्तावित है अटल प्रोग्रेस वे अटल प्रोग्रेस वे के लिए हुए दूसरे सर्वे के बाद एनएचएआई और प्रशासन द्वारा जमीन अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसमें भू अर्जन अधिनियम की धारा 3(ए) का गजट नोटिफिकेशन भी हो चुका था और धारा 3डी की तैयारी चल रही थी। तत्समय धारा 3(ए) के प्रकाशन के मुताबिक अटल प्रोग्रेस वे श्योपुर जिले 57 गांवों से निकलना था। इसमें कुल 598.321 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होनी थी, जिसमें 90.878 हेक्टेयर सरकारी और 507.443 हेक्टेयर निजी जमीन थी। यदि अब नए सिरे से सर्वे होगा तो फिर से गजट नोटिफिकेशन आदि की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

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