गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में पहुंचे तीन छात्र बेहोश, बच्चों ने आटो से पहुंचाया अस्पतल

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श्याेपुर 27.01.2024
गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में पहुंचे तीन छात्र बेहोश, बच्चों ने आटो से पहुंचाया अस्पतल
– पुलिस पर धक्का-मुक्की करने का आरोप।
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
शहर के एक्सीलेंस स्कूल के तीन छात्र अचानक बेहोश हो गए, जिन्हें स्कूल के शिक्षकों की ओर से अस्पताल तक नहीं पहुंचाया गया। इसके बाद दूसरे छात्रों ने स्थानीय लोगों की मदद लेकर ऑटो में बेहोश हुए बच्चों को लिटाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया है। जहां होश में आने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है।
बच्चों का आरोप है क्या वह पिछले महीने भर से गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सारी तैयारी होने के बावजूद और अच्छा प्रेजेंटेशन देने के बावजूद उनके 10 मिनट के कार्यक्रम को 2 मिनट में ही रोक दिया गया। जबकि, दूसरे निजी स्कूलों को 10 मिनट से ज्यादा समय का मौका दिया गया। कार्यक्रम के समय उनका प्रोग्राम बीच में काट दिया गया, जिसकी शिकायत व कलेक्टर से करने के लिए कलेक्ट्रेट पर पहुंचे थे, जहां पुलिस ने उन्हें रोककर उनके साथ धक्का-मुक्की कर दी। इस वजह से वह बेहोश हुए हैं।
बताया गया कि, 26 जनवरी के मुख्य कार्यक्रम में देशभक्ति से जुड़ा कार्यक्रम करने के लिए शहर के एक्सीलेंस स्कूल के बच्चों ने तैयारी की थी, पिछले 20 से 25 दिनों से उनकी नियमित प्रैक्टिस भी चल रही थी, उनका प्रोग्राम सिलेक्ट भी हो गया लेकिन, 26 जनवरी को इनका कार्यक्रम होने से पहले ही रोक दिया गया। इसे लेकर बच्चों ने अपने टीचरों से भी बात की लेकिन, उन्होंने जब उनकी सुनवाई नहीं की तो बच्चे शिकायत लेकर कलेक्टर संजय कुमार के पास कलेक्ट्रेट पर पहुंचे। जहां पुलिस कर्मियों ने उन्हें कलेक्टर से मिलने से रोक दिया। बच्चे जब कलेक्टर से मिलने की जिद करने लगे तो उनका आरोप है कि, पुलिस कर्मियों ने उन्हें धक्का मुक्की कर दी। बच्चे सुबह से कार्यक्रम में होने की वजह से भूखे प्यासे भी थे, जिसके चलते दसवीं क्लास के वेदांत गोयल और विनीत राठौर सहित तीन बच्चे बेहोश हो गए। जिन्हें उनके टीचरों ने अस्पताल तक नहीं पहुंचाया, उल्टा उन पर बहाने बाजी और नौटंकी करने के आरोप लगा दिए। जिसके बाद दूसरे छात्रों ने स्थानीय लोगों की मदद से अपने साथी छात्रों को ऑटो में लिटाकर जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। जहां प्राथमिक उपचार के बाद जैसे ही उन्हें होश आया वैसे ही अस्पताल के डॉक्टरों ने किसी के दबाव में पूरी ट्रिप चढ़ाने से पहले ही उन्हें अस्पताल से रिलीव कर दिया। बच्चों का आरोप है कि, वह शासकीय स्कूल में पढ़ते है, इस वजह से उनका कार्यक्रम नहीं कराया गया था। जबकि, प्राइवेट स्कूलों के सभी कार्यक्रम कराए गए। शिकायत करना कोई गुनाह नहीं है, फिर पुलिस ने उनके साथ धक्का मुक्की और बदसलूकी क्यों की। उन्होंने पुलिस के अलावा अस्पताल प्रबंधन और स्कूल प्रबंधन पर भी सवाल खड़े किए हैं, उनका आरोप है कि, बेहोश छात्रों को उनके स्कूल के टीचरों ने अस्पताल तक नहीं पहुंचाया। हम अपने साथियों को किसी तरह लेकर जिला अस्पताल पहुंचे हैं। अस्पताल में भी उन्हें ठीक से इलाज नहीं मिला, होश आते ही पूरी ड्रीप तक नहीं चढ़ने दी और सिविल सर्जन ने आकर हमारी छुट्टी करवा दी।
इस मामले में एवीबीपी छात्र संगठन ने हस्तक्षेप करके स्कूल प्रबंधन पर कड़ी लापरवाही और पुलिसकर्मियों पर छात्र-छात्राओं को धक्का मुक्की करके गिराने के आरोप लगाए हैं, साथ ही संबंधितों पर कार्रवाई की मांग भी की है।
वर्जन-
पुलिस कर्मियों ने छात्रों को ही नहीं बल्कि छात्राओं को भी धक्का दिया है, इससे छात्राएं भी गिर गई थी, यह अमानवीय व्यवहार है, बच्चे बेहोश हो गए, उन्हें भर्ती तक कराना पड़ गया। हम इसकी शिकायत करेंगे।
आशुतोष मित्तल
अखिल भारतीय विद्यार्थी

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