राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर भाव-विभोर हुए भक्त

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श्याेपुर 29.01.2024
राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर भाव-विभोर हुए भक्त
ब्यूरोचीफ, नबी अहमद कुरैशी, श्योपुर मध्यप्रदेश
शहर के फक्कड़ चौराह पर किन्नर समाज द्वारा आयोजित कराई जा रही श्रीराम कथा के सातवें दिन भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए साध्वी नंदनी दीदी (वृदावन धाम वाले) ने राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनाया, जिसे सुनकर श्रोताणग भाव-विभोर हो गए।
साध्वी नंदनी दीदी ने कहा कि भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए। पिता की आज्ञा पर वह वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है। राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर श्रोता आनंदित हो गए। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श समाज में आज भी कायम है। भगवान प्रेम भाव देने वाले का हमेशा कल्याण करते हैं। कहा कि भरत ने भगवान राम के वनवास जाने के बाद खड़ाऊं को सिर पर रखकर राजभोग की बजाय तपस्या की। कहा कि जीवन में भक्ति और उपासना का अलग महत्व है। निष्काम भाव से भक्ति करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्रीराम कथा में झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। कथा में भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही।

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