*मानेगाँव में चल रही श्री मद भागवत कथा में पहुंचे ब्रह्मचारी श्री निर्विकल्प स्वरूप जी महाराज*

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*मानेगाँव में चल रही श्री मद भागवत कथा में पहुंचे ब्रह्मचारी श्री निर्विकल्प स्वरूप जी महाराज*

*पूज्य ब्रह्मचारी जी ने बताया की अनेक जन्मों के पुण्यों का जब उदय होता है तब हमें कथा श्रवण करने का सौभाग्य मिलता है* ।

भगवान् की मनुष्य को भगवान् से मिला देती है, भगवान् से प्रेम करा देती है। भगवान् की कथा किस लिए है कि हम उसको सुनें और अपने मन को भगवान् में लगा दें । भगवान् की कथा सुनने से क्या होता है, अरति दूर होती है, अरुचि दूर होती है संसार के पदार्थो से जो आसक्ति है ये दूर कर देती है, इतना ही नही भगवान् के प्रति भगवद् भाव हो जाता है, कथा से हमको पता चलता है हमें कैसे जीना चाहिए, इतना ही नही जीना अकेला ही नही मरना भी सिखाती है । ये नर्सिहपुर जिला इस जिले में भगवान् narshih का जिला है और यहाँ भगवान आदिशंकरचार्य जी की दीक्षा स्थली भी है ये नर्सिहपुर की भूमि इतनी पवित्र है की यहाँ आदि शंकरचार्य जी ने चार पीठों की स्थापना की थी जिसमें से दो पीठ में विराजित हमारे जगतगुरु शंकरचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी विराजमान थे और पूज्य गुरुदेव भगवान् ने भी यही नर्सिहपुर जिले का अपनी तपोभूमि के लिए इसी का चयन किया थे । तो इस पवित्र भूमि में आप कथा सुन रहे हैं । गौ माता के कारण ही पृथ्वी टिकी हुई है जिस दिन इस पृथ्वी से गौ नष्ट हुई पृथ्वी भी नष्ट हो जायेगी इसीलिए हम सबको गौ पालन और गौ रक्षा करनी चाहिए और साथ ही बताया की भगवान् श्री कृष्ण ने भी गौ रक्षा की थी इसीलिए उनका नाम गोविंद पड़ा । इसीलिए गौ पालन करना चाहिए । गौ माता किसी से कोई भेद भाव नही करती सब को दूध देती है, ये हिंदू राष्ट् है इसमें गौ को क्यों कटा जा रहा है क्यों गाय पर इतना अत्याचार क्यों किया जा रहा है इसका विरोध होना चाहिए और साथ ही बताया की प्रत्येक हिंदू को एक-एक गाय अवश्य पालना चाहिए, गौ माता-राष्ट्माता हो के नारे भी लगाये गये ।

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